कुश्ती
World Wrestling Championships: पहलवान बजंरग पूनिया ने जीता कांस्य
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में बजंरग पूनिया का यह चौथा पदक है
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पूनिया ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया है। यह विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत का दूसरा पदक रहा। इससे पहले विनेश फोगट ने महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया का यह चौथा पदक है। बजरंग ने 2013 में कांस्य, 2018 में रजत और 2019 में फिर से कांस्य जीता। बजरंग पूनिया इस वैश्विक आयोजन में चार पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान हैं। भारत ने विश्व कुश्ती अभियान को दो कांस्य पदक के साथ समाप्त किया।
बजरंग ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक के मैच में पुएर्टो रिको के सेबस्टियन रिवेरा को 11-9 से हरा दिया। इससे पहले बजरंग को क्वार्टर फाइनल में यूएसए के जॉन दियाकोमिहालिस ने हराया था। फिर रेपचेज के जरिए बजरंग कांस्य पदक के मैच में पहुंचे और जीत हासिल की।
रेपचेज के पहले मैच में बजरंग ने आर्मेनिया के वेजगेन तेवान्यान को कड़े टक्कर में हराया। बजरंग ने अपने अभियान की शुरुआत अपने पहले मुकाबले में सिर की चोट के साथ की थी। पूरे टूर्नामेंट में वह कुछ खास नहीं दिखे, लेकिन अपने विरोधियों को मात देने और भारत के लिए पदक जीतने के लिए महत्वपूर्ण क्षणों में अपने अनुभव का इस्तेमाल किया। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के कांस्य पदक के प्लेऑफ मैच में 6-0 से पीछे चल रहे थे। इसके बाद बजरंग ने वापसी की और 11-9 से जीत हासिल की।
ऐसा रहा भारत का सफर
भारत का इस साल विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा। भारत ने चैंपियनशिप के लिए गेको-रोमन, फ्रीस्टाइल और महिला कुश्ती में 30 सदस्यी दल इस चैंपियनशिप में भेजा था लेकिन उसके हिस्से सिर्फ दो पदक ही आ सके। बजरंग के अलावा विनेश फोगाट ने महिला वर्ग में देश की झोली में कांस्य पदक डाला। उन्होंने 53 किलोग्राम भारवर्ग में ये पदक जीता। निशा दहिया (68 किलोग्राम भारवर्ग), सागर जागलान (74 किलोग्राम भारवर्ग), नवीन मलिक (70 किलोग्राम भारवर्ग) कांस्य पदक जीतने के करीब पहुंचे लेकिन जीत नहीं सके।
वहीं, ओलंपिक रजत पदक विजेता और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रवि दहिया को टूर्नामेंट की शुरुआत में झटका लगा था। वह प्री-क्वार्टर फाइनल राउंड में हार गए थे। उन्हें विनेश और बजरंग के जैसे रेपेचेज खेलने का मौका भी नहीं मिला।