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कुश्ती

सोशल मीडिया पर हुई आलोचनाओं का विनेश ने दिया करारा जवाब, बोली 'हम खिलाड़ी है रोबोट नहीं'

विनेश क्वालीफिकेशन दौर में मंगोलिया की खुलान बटखुयाग से जिस तरह से 0-7 की हारी उसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई।

Vinesh Phogat
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विनेश फोगाट

By

Pratyaksha Asthana

Updated: 19 Sep 2022 12:41 PM GMT

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। जिसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना करी। अपने आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कहा कि 'खिलाड़ी रोबोट नहीं होते है'। विनेश ने इसके साथ ही साथी खिलाड़ियों से मेहनत जारी रखने को कहा ताकि इस तरह की आलोचना की संस्कृति को खत्म किया जा सके।

बेलग्रेड में पिछले हफ्ते आयोजित प्रतियोगिता में विनेश ने 53 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाली देश की पहली महिला पहलवान है।लेकिन वह क्वालीफिकेशन दौर में मंगोलिया की खुलान बटखुयाग से जिस तरह से 0-7 की हारी उसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई। जिसके बाद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए रेपेचेज में दो दौर के बाद कांस्य पदक मुकाबले को बिना अंक गंवाए अपने नाम किया।

जिस तरह से लोगों ने विनेश की सोशल मीडिया पर आलोचना की उससे विनेश काफी आहत हुई है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में लिखा, "खिलाड़ी भी इंसान होते है। खिलाड़ी होने का यह मतलब नहीं कि हम किसी भी टूर्नामेंट में रोबोट की तरह काम करें। मुझे यह नहीं पता कि यह संस्कृति सिर्फ भारत में ही है या और जगह भी है। जहां लोग घर में बैठकर ही विशेषज्ञ बन जाते है।"

उन्होंने लिखा, "व्यक्ति पेशेवर हो या नहीं उसने अपने सफर में कई कठिनाइयों, संघर्षों और चुनौतियों का सामना किया होता है। वे टिप्पणी नहीं करते, आलोचना करते है। वह आलोचना करते समय खुद को पेशेवर करियर के विशेषज्ञ समझने लगते है।"

एथलीटों पर लगातार जो आलोचनाएं होती रहती है उसको लेकर कहा, "हम एथलीट के रूप में हर चीज के लिए जवाबदेह क्यों हैं। एथलीटों को समर्थन और प्रोत्साहन के बजाय उसके प्रशिक्षण को लेकर टिप्पणियों का सामना क्यों करना पड़ता है।"

भारतीय पहलवान ने कहा, "यह बहुत हतोत्साहित करने वाला होता है जब लोग यह मान लेते हैं कि वे इस पर टिप्पणी कर सकते हैं कि एथलीटों को अपना करियर कब समाप्त करना चाहिए, कब खेलना चाहिए और कब नहीं खेलना चाहिए।"

उन्होंने आगे लिखा, ''एक जीत का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि एक एथलीट ने कुछ अतिरिक्त असाधारण किया है और हार का मतलब यह नहीं है कि एथलीट ने उस खेल के दौरान कोशिश नहीं की है। जीत और हार हर एथलीट की यात्रा का एक हिस्सा है और एथलीट हर बार कड़ी मेहनत करते हैं।"

विनेश ने साथी भारतीय एथलीटों को सपने देखते रहने और कड़ी मेहनत करने के लिए कहा और उम्मीद जताई कि अनावश्यक आलोचना समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने लिखा, "यहां मेरे सभी साथी एथलीटों के लिए है, जो एक कठिन यात्रा के माध्यम से खुद को बार-बार साबित करते है और लोगों से डरे बिना अपने सपने के प्रति हौसला दिखाने का साहस रखते हैं'।"

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