कुश्ती
कुश्ती छोड़ने का मन बना चुकी विनेश को पीएम मोदी ने दिया हौसला, जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों में हासिल किया स्वर्ण
टोक्यो ओलंपिक में लगातार दूसरी बार निराशा झेलने के बाद उन्होंने कुश्ती छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उनका खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से जगा
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण हासिल करने वाली भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को बताया कि टोक्यो ओलंपिक में लगातार दूसरी बार निराशा झेलने के बाद उन्होंने कुश्ती छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उनका खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से जगा जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में सारी निराशाओं को पीछे छोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण अपने नाम किया।
दरअसल, 2016 में हुए रियो ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल फाइनल मुकाबले में उन्हें घुटने में गहरी चोट आई थी जिस कारण वह पदक जीतने से चूक गई। जिसके बाद 2021 टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने वापसी की लेकिन वह कामयाब न हो सकी और अंतिम आठ चरण में बाहर हो गईं। विनेश ने स्वीकार किया कि इन दो निराशाओं ने उन्हें कुश्ती छोड़ने की कगार पर पहुंचा दिया था लेकिन उन्होंने फिर वापसी करते हुए हाल में समाप्त हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
विनेश ने कहा,"मैं मानसिक रूप से बहुत बड़े 'बैरियर' को पार करने में सफल हुई हूं। मैंने लगभग कुश्ती छोड़ ही दी थी क्योंकि दो ओलंपिक में मैं एक पदक नहीं जीत सकी थी। ओलंपिक किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़ा मंच होता है। लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा मेरा समर्थन किया, उन्हें हमेशा मेरी काबिलियत पर भरोसा रहा।"
उन्होंने कहा,"जब मैं निराश थी तो मैं मोदी जी (नरेंद्र मोदी) से मिली थी और उन्होंने मुझे प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें आप पर भरोसा है और आप कर सकती हो। इससे मेरे अंदर जज्बा फिर से जाग गया।"