कुश्ती
Wrestlers Protest: प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में हजारों लोगों ने इंडिया गेट तक मार्च किया
इस मार्च में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई और प्रदर्शनकारी पहलवान थे
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भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने फैसला किया कि 28 मई को नए संसद भवन के बाहर निर्धारित महापंचायत महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में होगी और आगे की कार्रवाई के बारे में कोई भी बड़ा फैसला उनके द्वारा लिया जाएगा। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे।। पहलवानों ने बृजभूषण एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
मंगलवार को पहलवानों के हजारों समर्थकों ने बेहद भारी सुरक्षा के बीच जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक मार्च किया और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी की। इस मार्च में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई और प्रदर्शनकारी पहलवान थे।
पहलवानों और उनके समर्थकों ने अत्यधिक गर्मी और देर शाम धूल भरी आंधी का सामना करते हुए बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण ढंग से इंडिया गेट की ओर मार्च किया। इस दौरान लोगों के हाथों में तिरंगे थे और मार्च में शामिल लोगों ने बृजभूषण के लिए सख्त सजा की मांग की। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहलवानों द्वारा मोमबत्ती जलाकर किए गए धरने में शामिल होने पहुंचे। स्थिति को बनाए रखने के लिए धरना स्थल पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। खाप पंचायत सदस्य भी विरोध में शामिल हुए।
विनेश, बजरंग और साक्षी ने इंडिया गेट के पास पुलिस के एक बैरिकेड पर चढ़ कर लोगों को संबोधित किया।
विनेश ने इस दौरान कहा, ‘‘पिछले एक महीने से हम विरोध (सरकार द्वारा बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए) कर रहे हैं और यह शर्म की बात है कि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। आज, हमने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला और हमें पता चला है कि देश के कई हिस्सों में ऐसी मार्च निकाली गयी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।’’
उन्होंने बताया, ‘‘खाप पंचायत ने निर्णय लिया है कि 28 मई को नये संसद भवन के पास महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में महापंचायत की जाएगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि यह महिलाओं की अखंडता और सम्मान की लड़ाई है। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर कोई बड़ा फैसला 28 मई के बाद लिया जायेगा।’’