कुश्ती
अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में सूरज वशिष्ठ ने 32 साल बाद जीता देश के लिए स्वर्ण पदक
सूरज वशिष्ठ इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय ग्रीको रोमन पहलवान बने
बुधवार को भारत के ग्रीको रोमन के पहलवान सूरज ने अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 55 किग्रा वर्ग में इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। उन्होंने चैंपियनशिप के फाइनल में अजरबैजान के फराइम मुस्तफायेव को तकनीकी उत्कृष्टा 11-0 से हराया। वें इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय ग्रीको रोमन पहलवान बने। उनके पहले पप्पू यादव ने 32 साल पहले अंडर-17 चैंपियनशिप में 1990 में भारत के लिए स्वर्ण जीता था।
मैच में सूरज ने आक्रामकता के साथ मुस्तफायेव के खिलाफ एक शुरूआती अंक ढूंढने की कोशिश की, जिसके बाद रेफरी ने पहली अवधि में अजरबैजान पहलवान को निष्क्रिय करार दिया। 1-0 की बढ़त हासिल कर चुके सूरज ने दूसरी अवधि में पहले निष्क्रिय होने से परहेज किया और फिर अपनी बढ़त को 3-0 तक बढ़ाने के लिए टेकडाउन मारा।
वह अभी भी एक मिनट से अधिक समय के साथ निष्क्रिय कहे जाने के खतरे से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने अंडरहुक का इस्तेमाल करके चार अंक जुटाए और 7-0 की बढ़त बना ली। मुस्तफायेव ने लड़ाई में वापसी की कोशिश की लेकिन सूरज ने उसे नियंत्रण के साथ मैट पर फेंक दिया और बाउट और स्वर्ण 11-0 से जीत लिया।
मैच के बाद सूरज ने कहा 'यह मेरा पहला दौरा था। मुझे ग्रिप और स्टांस का बहुत कम अनुभव था। मैंने यह सब एक कैंप में सीखा था।'
वही आपको बता दें कि यह अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में भारत का तीसरा और सभी विश्व चैंपियनशिप मिलाकर भारत का चौथा स्वर्ण था। इसके पहले यादव ने 1990 में अंडर-17 के अलावा 1992 में अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप भी जीती थी, जबकि विनोद कुमार ने 1980 में भारत को अंडर-17 स्वर्ण दिलाया था।