कुश्ती
सारिता और सुषमा ने जीते कांस्य पदक, एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के हुए कुल 7 पदक
मनीषा भी 50 किग्रा में कांस्य पदक की दौड़ में थीं, लेकिन उज्बेकिस्तान की जैस्मिना इम्माएवा से हारकर पदक की दौर से बाहर हो गई
मंगोलिया में चल रही एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के तीसरे दिन भारतीय महिलाओं ने दमदार प्रदर्शन किया। चैंपियनशिप के तीसरे दिन भारत की ओर से महिला पहलवान सरिता मोर और सुषमा शौकीन ने कांस्य पदक जीता। इसी के साथ अब एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के 7 पदक हो चुके हैं।
गुरुवार को गत चैंपियन सारिता मोर 59 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने उतरी। सारिता की शुरुआत अच्छी नहीं रही। वें पहले दो मुकाबलों में मंगोलिया की शूवडोर बातरजाव (1-2) और जापान की सारा नतामी (वीएसयू) के खिलाफ हार गई, लेकिन सारिता ने अपने अंतिम दो मुकाबले जीतकर जबरदस्त वापसी की। उन्होंने पहले उज्बेकिस्तान की दिलफुजा ऐंबेटोवा को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया और फिर उसके बाद डायना कयूमोवा पर 5-2 से जीत दर्ज कर, भारत के लिए कांस्य पदक जीता।
अंपायरिंग से खुश नहीं सारिता
सारिता टूर्नामेंट में अंपायरिंग से नाराज नजर आयी। उन्होंने टूर्नामेंट के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं मंगोलियाई लड़की के खिलाफ वह मुकाबला जीत सकती थी। लेकिन चूंकि वह घरेलू टीम से थी, इसलिए उन्हें रेफरी का समर्थन मिला। वह मैट से भाग रही थी, लेकिन उन्हें कोई चेतावनी नहीं दी गई, जिससे उन्हें फायदा हुआ।"
आगे उन्होंने कहा कि वहीं जापानी पहलवान को भी मैं हरा सकती थी। आज का दिन मेरा दिन नहीं था। मैं जैसा चाहती थी, वैसा प्रदर्शन नहीं कर सकी। इसके पीछे शायद मौसम की वजह है। यह एक हाई ऊंचाई वाला शहर है, इसलिए मैट पर मुझे सक्रिय महसूस नहीं हुआ। साथ ही मेरे मुकाबलों के बीच शायद ज्यादा समय का अंतर नहीं था। ये भी एक मेरी हार का कारण है।
सुषमा ने भी जीता कास्यं पदक
वहीं सारिता के अलावा सुषमा ने भी कांस्य पदक जीता। सारिता ने 55 किग्रा में भी हार के साथ शुरुआत की। उन्हें अपने पहले मुकाबले में जापान की उमी इमाई से तकनीकी श्रेष्ठता से मिली। लेकिन अगले दौर में कजाकिस्तान की अल्टिन शगायेवा पर 5-0 से जीत के साथ वापसी की। फिर उन्होंने उज्बेकिस्तान की सरबीनाज़ जिनबाएवा के खिलाफ एक शानदार मुकाबले में जीत दर्ज की। दो जीतें कांस्य पदक हासिल करने के लिए काफी थीं।
वहीं मनीषा भी 50 किग्रा में कांस्य पदक की दौड़ में थीं, लेकिन उज्बेकिस्तान की जैस्मिना इम्माएवा से हारकर पदक की दौर से बाहर हो गई। सोनिका हुड्डा (68 किग्रा) और सुदेश कुमारी (76 किग्रा) पदक दौर में नहीं पहुंच सके।