कुश्ती
Wrestlers Protest: जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में आये किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ा
जंतर-मंतर पर विरोध कर रहे पहलवानों का समर्थन करने के लिए आज विभिन्न राज्यों से किसानों के जत्थे वहां पहुंचे थे
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जंतर-मंतर पर घरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में राज्यों से आए किसान सोमवार को वहां दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ते हुए धरना-स्थल तक पहुंच गए।
गौरतलब है कि ये पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए राजधानी में धरना दे रहे हैं। इन आंदोलनकारियों की मांग है कि बृजभूषण को संघ के अध्यक्ष पद से हटाया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ दो सप्ताह से अधिक समय से जंतर-मंतर पर विरोध कर रहे पहलवानों का समर्थन करने के लिए आज भी विभिन्न राज्यों से किसानों के जत्थे वहां पहुंचे थे।
कुछ किसान बैरिकेड्स को खींचकर साइड में करते दिखे। हरी और पीली पगड़ी में किसान आज झंडा लेकर जंतर मंतर पहुंचे। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य हिम्मत सिंह गुर्जर ने कई वीडियो ट्वीट किए हैं। एक वीडियो के साथ वह लिखते हैं, "मोदी जी दिल्ली पुलिस को समझा लीजिए किसानों से पंगा ना लें... अपनी बेटियों का समर्थन करने जंतर मंतर जाते हुए किसानों को आज फिर पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर रोकने की कोशिश की। वही हुआ जो कल टिकरी बॉर्डर के बैरिकेड्स पर हुआ था। बैरिकेड टूटे और किसान अपनी बेटियों से मिलने धरने वाली जगह पर पहुंच गए।"
दिल्ली पुलिस ने कहा, “किसानों के एक समूह को दिल्ली के जंतर-मंतर तक आने दिया गया था, पर वे धरना स्थल पर पहुंचने के लिए इतनी जल्दी में थे कि कुछ प्रवेश बैरिकेड पर चढ़ गए और कुछ बैरिकेड को गिरा दिया।” अधिकारियों ने कहा, “जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए धरनास्थल के घेरे में व्यक्तियों को डोर फॉर मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) के रास्ते से प्रवेश करवाया जा रहा है, लोगों को कानून का पालन करना चाहिए और शान्ति बनाये रखने में सहयोग करना चाहिए।”मौके पर उपस्थित दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि किसानों को जंतर-मंतर पर जाने दिया गया था। वे धरने की जगह पहुंचने के लिए इतनी ‘जल्दी’ में थे कि उन्होंने बैरिकेड को गिरा दिया। घटना के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने जनता से भी शांति बनाये रखने और कानून का पालन करने का आग्रह किया।
विरोध करने वाले पहलवानों ने कहा है कि वे तब तक यहां से नहीं हटेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाकर सलाखों के पीछे नहीं डाल दिया जाता। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से जाट समाज की विभिन्न खापें और किसान संगठनों के नेताओं ने रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बैठक की थी और तय किया था कि बृजभूषण को 21 मई तक गिराफ्तार न किया गया तो वे आंदोलन को नया रूप देेंगे।
पहलवान बजरंग पूनिया ने आज कहा कि इसमें कोई राजनीति जैसी बात नहीं है। बेटियां किसी भी समाज की हों, बेटी तो बेटी होती है। जाति, धर्म और राजनीति कहां से आ गई? जो लोग बोल रहे हैं, यहां आकर दिखा दीजिए... हम उठकर चले जाएंगे। इतना शौक नहीं है। हम खिलाड़ी हैं। हमें खेल खेलना है।