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महिला टी20 विश्वकप में थर्ड अम्पायर चेक करेंगे नो बॉल, पहली बार होगा नो बॉल तकनीक का इस्तेमाल

महिला टी20 विश्वकप में थर्ड अम्पायर चेक करेंगे नो बॉल, पहली बार होगा नो बॉल तकनीक का इस्तेमाल
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Ankit Pasbola

Updated: 8 May 2022 6:15 AM GMT

ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी20 विश्व कप में नो बॉल तकनीक का प्रयोग होने जा रहा है। आईसीसी किसी बड़ी प्रतियोगिता में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग करने जा रही है। फरवरी में होने वाले टी20 विश्व कप में अब फ्रंट फुट नो बॉल थर्ड अम्पायर देंगे। हाल ही में इस नये तकनीक का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय मैचों में सफलतापूर्वक किया गया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।

विश्व कप में मैदानी अंपायर पैर की नो बॉल पर ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे। इसके अलावा बाकि तरह के नो बॉल की जिम्मेदारी मैदानी अम्पायरों पर पहले की तरह रहेगी। इस नियम का ट्रायल पिछले साल दिसबंर में हुए भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुई सीरीज में भी किया गया था। आईसीसी के अनुसार 12 मैचों में इस नियम का ट्रायल किया जा चुका है। इस दौरान 4717 गेंदे फेंकी जा चुकी थी। आईसीसी के महाप्रबन्धक ज्योफ एलार्डिस ने कहा, "क्रिकेट मैच में अधिकारियों की मदद के लिए तकनीक का इस्तेमाल होता रहा है जो कि सफल भी रहा है। मुझे विश्वास है कि इस तकनीक से आईसीसी महिला टी20 विश्व कम में कम संख्या में गलतियां देखने को मिलेंगी।"

हर बॉल के बाद अम्पायर फ्रंट फुट पर नजर रखेंगे और नो बॉल होने की स्थिति में तुरंत मैदानी अम्पायरों को इसकी सूचना देंगे। ज्योफ एलार्डिस ने आगे कहा, "अंपायरों के लिए सटीक रूप से नो बॉल बता पाना मुश्किल है और भले ही नो बॉल गेंदों का प्रतिशत कम हो, लेकिन सही फैसला लेना महत्वपूर्ण है। हमने पहली बार साल 2016 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच एकदिवसीय श्रृंखला में इस तकनीक को दोहराया था तब से इसमें काफी सुधार हुआ है। इसके अलावा इसके प्रयोग से खेल की गति में बहुत कम प्रभाव पड़ेगा।"

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