कुश्ती
नरसिंह यादव के लिए टोक्यो ओलंपिक के खुले हैं दरवाजे, भारतीय कुश्ती महासंघ ने दिखाई हरी झंडी
चार साल का प्रतिबंध जुलाई में खत्म करने वाले नरसिंह पंचम यादव अगर टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की कोशिश करते हैं तो भारतीय कुश्ती महासंघ उन्हें रोकेगा नहीं। ओलंपिक अगर जुलाई अगस्त में होते तो नरसिंह के पास मौका नहीं था लेकिन अब कोविड 19 के चलते ओलंपिक एक साल के लिये टल चुके हैं। ऐसे में वह 74 किलो वर्ग में दावा कर सकता है जिसमें भारत ने कोटा हासिल नहीं किया है।
नरसिंह को अगस्त 2016 में खेल पंचाट ने डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर चार साल के प्रतिबंध की सजा सुनाई थी। रियो ओलंपिक में उनका मुकाबला शुरू होने से चंद घंटे पहले विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी की अपील पर यह सुनवाई हुई थी । महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा ,"हम उसे रोकेंगे नहीं अगर वह हमारे पास आकर भाग लेने की इच्छा जताता है। हमने इस पर बात की है। उसका प्रतिबंध पूरा हो चुका है और वह वापसी कर सकता है ।''
रियो ओलंपिक से पहले उसके डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने स्वीकार कर लिया था कि उसके पेय पदार्थ में मिलावट की गई थी। उसने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई भी किया लेकिन चोट के कारण ओलंपिक क्वालीफिकेशन से चूके दो बार के पदक विजेता सुशील कुमार ने ट्रायल की मांग की और नरसिंह को अदालत में घसीटा। नरसिंह डोप टेस्ट में नाटकीय रूप से नाकाम रहा और उस पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया।
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