Begin typing your search above and press return to search.

ताजा खबर

कोमलिका बारी ने वर्ल्ड यूथ तीरंदाज़ी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास

कोमलिका बारी ने वर्ल्ड यूथ तीरंदाज़ी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास
X
By

Syed Hussain

Published: 25 Aug 2019 10:16 AM GMT

भारत के लिए रविवार का दिन शानदार ख़ुशख़बरी लेकर आया जब तीरंदाज़ी के वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में कोमलिका बारी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

कोमलिका ने रिकर्व कैडेट गर्ल्स कैटेगिरी के फ़ाइनल में जापान की वाका सोनोडा को 7-3 से हराते हुए गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा जमा लिया। मैड्रिड में हो रहे इस वर्ल्ड यूथ आर्चेरी चैंपियनशिप में देशवासियों के लिए बेहद गर्व का पल था। कोमलिका ने आख़िरी लम्हों तक संयम बनाए रखा और जापान की वाका सोनोडा पर हर मामले में अव्वल नज़र आईं।

भारत की इस युवा तीरंदाज़ के आत्मविश्वास और निशाने को देखकर जापान की तीरंदाज़ पर दबाव बनने लगा था और इसी का नतीजा था कि कोमलिका ने वाका को 7-3 से आसानी से मात दे दी।

कोमलिका बारी ने जीता स्वर्ण पदक

इससे पहले गुरुवार को झारखंड की 17 वर्षीय कोमलिका ने भारत के लिए रदत पक्का किया था और वह मुक़ाबला जिस अंदाज़ में उन्होंने वापसी करते हुए जीता था तभी से कोमलिका से उम्मीद बढ़ गई थी।

कोमलिका ने रजत पदक के मुक़ाबले में दक्षिण कोरिया की जैंग मी से 1-5 से पीछे चल रही थीं, और वहां से वापसी करते हुए कोमलिका ने 9-9 से बराबरी पर मैच ख़त्म किया। फिर टाई ब्रेकर में उन्होंने मुक़ाबला अपने नाम किया और फ़ाइनल में जगह बनाई थी, जहां आज कोमलिका ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।

भारतीय तीरंदाज़ के लिए देश का प्रतिनिधित्व करते हुए ये आख़िरी इवेंट था, क्योंकि वर्ल्ड आर्चेरी से भारत का निलंबन इस टूर्नामेंट के बाद ही शुरू होगा। आपको बताते चलें कि विश्व तीरंदाजी ने इसी महीने भारतीय तीरंदाजी संघ (AAI) को अपने दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए निलंबित कर दिया और इस महीने के अंत तक महासंघ की व्यवस्था ठीक करने को कहा है।

AAI के अधिकारियों को चुनने के लिये 9 जून को नयी दिल्ली और चंडीगढ़ में दो अलग अलग गुटों ने चुनाव कराये थे जिसमें दो अध्यक्ष -अर्जुन मुंडा और बीवीपी राव- को चुना गया था। मुंडा को 20 राज्य संघों जबकि राव को 10 राज्य संघों का समर्थन प्राप्त है। विश्व तीरंदाजी ने एक प्रतिनिधि काजी राजीब उद्दीन अहमद चापोल को चुनावों के लिये एक मध्यस्थ और पर्यवेक्षक के रूप में भेजा था लेकिन वह दोनों गुटों को एक चुनाव कराने के लिये नहीं मना सके। कोमलिका के इस शानदार प्रदर्शन के बाद देशवासी यही उम्मीद कर रहे हैं कि ये मामला जल्द निपटे ताकि भारतीय तीरंदाज़ टोक्यो ओलंपिक्स में भाग ले सकें, क्योंकि फ़िलहाल ओलंपिक्स में शिरकत को लेकर भारतीय तीरंदाज़ी टीम पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

Next Story
Share it