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भारतीय बास्केटबॅाल संघ ला रहा है महिला खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी

भारतीय बास्केटबॅाल संघ ला रहा है महिला खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी
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Lakshmi Kant Tiwari

Updated: 24 April 2022 8:36 PM GMT

भारत में पेशेवर लीग का दौर चल रहा है। जिस वजह से इस देश में खेल प्रशंसकों को क्रिकेट के अलावा काफी ऐसे खेल टीवी पर देखने को मिलते हैं जिसकी कल्पना कुछ साल पहले किसी ने नहीं की थी। साथ ही भारत में जितने भी लीग हुए हैं उसमें आपने एक चीज तो जरूर देखी होगी की पुरूष या महिलाओं के लिए एक ही लीग होती है लेकिन भारतीय खेल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई खेल संघ महिलाओं के लिए एक पेशेवर लीग का आयोजन करने वाला है। जी हां आपने सही सुना। हाल ही में इस बात की पुष्टि भारतीय बास्केटबॅाल संघ के अध्यक्ष के. गोविंदराज ने की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि हम 3 माह के अंदर महिलाओं के लिए पेशेवर लीग का आयोजन करने वाले हैं। जो इस देश में महिला बास्केटबॅाल की तरफ लोगों का नजरिया बदलकर रख देगा। साथ ही इसका असर अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिलेगा।

भारतीय बास्केटबॅाल संघ के अध्यक्ष के. गोविंदराज ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की "इस लीग में 6 शहरों की टीम हिस्सा लेगी। साथ ही हम राष्ट्रीय स्तर पर प्रतोयिगिता में भी काफी बदलाव करने वाले हैं हमने इसके लिए समिति गठित कर ली है जो 45 दिन के अंदर इस लीग के आय़ोजन से लेकर ढांचा मुहैया कराएगी। हम जोन के हिसाब से प्रतियोगिता का आयोजन कराएंगे। जिस वजह से ज्यादा मुकाबलों के साथ हमें ज्यादा प्रतिभा को तराशने को मिलेगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में भारतीय बास्केटबॅाल संघ के चुनाव हुए जिसमें के.गोविंदराज को एक बार फिर अध्यक्ष तो वहीं चंद्रमुखी शर्मा को एक बार फिर सेक्रेटरी के रूप में चुना गया। लेकिन जैसा अभी आपको सब कुछ दिख रहा है ऐसा कुछ साल पहले बिल्कुल नहीं था।

2015 में इससे पहले भारतीय बास्केटबॅाल संघ के चुनाव हुए थे। जहां पर भारतीय बास्केटबॅाल संघ दो गुट में बंट गई थी। एक गुट कां संचालन के. गोविंदराज कर रहे थे। तो वहीं दूसरी ओर स्वर्गवासी प्रमोद महाजन की सुपुत्री पुनम महाजन कर रही थी। चीजें इतनी खराब हो गई थी की खिलाड़ियों को समझ में नहीं रहा था करे तो करे क्या। इसका सबसे खराब असर 2016 साउथ एशियन गेम्स में देखने को मिला जब दोनों संघों ने अपनी टीम का चुनाव कर इस प्रतियोगिता में उतारने का फैसला किया। लेकिन ऐसे मुमकिन हीं नहीं था। इस मामले की खबर मिलते ही अंतराष्ट्रीय बास्केटबॅाल संघ ने साउथ एशियन गेम्स से बास्केटबॅाल प्रतियोगिता को हटा फेंका। खिलाड़ियों और देश के लिए इससे ज्यादा खराब बात क्या हो सकती थी।

सबको लगा की मामला यही खत्म हो जाएगा लेकिन आगे अभी बात बहुत कुछ होना बाकी था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोविंदराज के धड़ को अंतराष्ट्रीय बास्केटबॅाल संघ का समर्थन था तो वहीं पुनम महाजन के धड़ को भारतीय ओलम्पिक संघ का समर्थन था। 2015 में अमेरिका की एक कंपनी युबीए ने भारत में पेशेवर लीग की शुरूआत की जिसका दूसरा सीजन 2016 में आयोजित किया गया। लेकिन इससे पहले गोविंदराज की टीम ने खिलाड़ियों को नोटिस भेजते हुए कहा कि अगर आफ इस लीग में हिस्सा लेते हैं तो आप पर ठोस करवाई हो सकती है। खिलाड़ी भी इस दौरान काफी डरे हुए थे। आखिर करे तो करे क्या क्योंकि वो उससे पहले ही युबीए के साथ करार कर चुके थे। साथ ही इस लीग का आयोजन करने वाले लोगों ने खिलाड़ियों को भरोसा दिलाया था की ऐसा कुछ नहीं होगा। लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ वो भारतीय बास्केटबॅाल के इतिहास में पहली नहीं हुआ था ।

इस लीग के खत्म होने के बाद भारतीय बास्केटबॅाल संघ ने 100 से ज्यादा खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया। खिलाड़ियों के लिए इससे ज्यादा धक्का देने की बात क्या हो सकती थी। बहरहाल 2016 में पुनम महाजन ने एक बयान जारी करते हुए कहा की हम भारतीय बास्केटबॅाल के लिए भलाई की अपना हाथ पीछे खीचते हैं और भारतीय बास्केटबॅाल को आगे ले जाने के लिए गोविंदराज को हार्दिक बधाई देते हैं। लेकिन जब तक ये सब कुछ हुआ तब तक बहुत कुछ बिखर चुका था। आईमजी रिलायंस जिसने भारतीय बास्केटबॅाल के विकास के लिए 30 साल में 1500 करोड़ का करार किया था वो उन्होंने 2015 में जब ये सब कुछ शुरू हुआ था तभी उन्होंने भारतीय बास्केटबॅाल संघ को आर्थिक सहायता खत्म कर दी। बहरहाल जो बीत गई सो बात गई अब सभी को उम्मीद है की महिला के साथ पुरूषों के लिए पेशेवर लीग का आयोजन हो जो भारतीय बास्केटबॅाल को दोबार विकास की पटरी पर ले आए।

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