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भारोत्तोलन

मीराबाई चानू एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी

मीराबाई ने दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप में अपने पिछले मुकाबले में 200 किग्रा (87 किग्रा +113 किग्रा) के समग्र प्रयास के साथ रजत पदक जीता था

मीराबाई चानू एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी
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Bikash Chand Katoch

Updated: 4 May 2023 4:36 PM GMT

टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू शुक्रवार से शुरू हो रही एशियाई चैंपियनशिप में एक बार फिर से भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी लेकिन इस बात की संभावना कम है कि वह स्नैच वर्ग में 90 किग्रा का भार उठायें। आगामी एशियाई चैंपियनशिप छह शेष अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की श्रृंखला में से एक है, जिसके परिणामों का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) द्वारा ओलंपिक क्वालीफाइंग रैंकिंग (OQR) के लिए किया जाएगा, जो तय करेगा कि ओलंपिक में कौन भाग ले सकता है।

राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की चैंपियन ने दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप में अपने पिछले मुकाबले में 200 किग्रा (87 किग्रा +113 किग्रा) के समग्र प्रयास के साथ रजत पदक जीता था। यह उनके 207 किग्रा (88 किग्रा + 119 किग्रा) के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से काफी कम था और पूर्व विश्व चैम्पियन भारोत्तोलक इस बार भी 49 किग्रा वर्ग में अपनी पूर्ण क्षमता का परीक्षण करने से बचना चाहेंगी। मीराबाई ने पिछली बार इस स्पर्धा में 2021 में भाग लिया था। उन्होंने तब क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड कायम किया था जो अब भी बरकरार है।

भारतीय टीम के मुख्य कोच विजय शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘‘ मीरा को यहां सिर्फ भाग लेना है। हम अभी चीजों को सरल तरीके से ले रहे है। वह सिर्फ भाग लेंगी और 85 किग्रा (स्नैच) तथा 110 किग्रा (क्लीन एंव जर्क) भार उठाएंगी। वह इस भार को आसानी से उठा लेंगी।’’ ओलंपिक में अभी लगभग एक साल का समय बचा है और एशियाई खेलों का आयोजन सितंबर में होगा। ऐसे में मणिपुर की यह खिलाड़ी सही समय पर अपनी सर्वश्रेष्ठ लय हासिल करना चाहती है।

शर्मा ने कहा, ‘‘हम ओलंपिक वर्ष में विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। पिछली बार जब वह यहां थीं तो वह अपनी शीर्ष लय में थीं क्योंकि ओलंपिक, बस आने ही वाला था। पेरिस ओलंपिक अगले साल है। अभी अपना शीर्ष प्रदर्शन करने का कोई मतलब नहीं है।’’ कोच ने कहा, ‘‘हमें उसकी उम्र को भी ध्यान में रखना होगा, वह अब बच्ची नहीं है, उसके शरीर को अभी और देखभाल करने की जरूरत है।’’

ओलंपिक क्वालीफिकेशन रैंकिंग में मीराबाई अभी दूसरे स्थान पर हैं। शीर्ष पर चीन की जियान हुईहुआ हैं जो हमवतन होई झिहुई के साथ यहां खिताब की दावेदार होंगी। दो साल पहले टोक्यो में अपने रजत पदक के बाद से चानू ने फॉर्म में गिरावट का कोई संकेत नहीं दिखाया है, लेकिन जैसे ही अगला ओलंपिक चक्र पूरे प्रवाह में आएगा, व्यक्तिगत सुधार उसके लिए पदक जितना ही महत्वपूर्ण होगा। चानू का कार्यक्रम शुक्रवार 5 मई को होगा।

पिछले अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद जेरेमी लालरिनुंगा (67 किग्रा) और अचिंता श्युली (73 किग्रा) पहली बार किसी स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। यह जोड़ी पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए आवश्यक रैंकिंग अंक हासिल करने के लक्ष्य के साथ चुनौती पेश करेगी। जेरेमी गैर-ओलंपिक 67 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करना जारी रखेंगे। इस भारोत्तोलक को 73 किग्रा ओलंपिक भार वर्ग तक पहुंचना था, लेकिन वह सितंबर में होने वाले एशियाई खेलों के बाद इस पर फैसला करेंगे। शर्मा ने कहा, ‘‘एशियाई खेलों तक वह इसी (67 किग्रा) वर्ग में रहेंगे, उसके बाद हम इसे बदल देंगे।’’

राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता बिंदियारानी देवी भी 59 किग्रा से 55 किग्रा में वापस आ गई हैं। मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन शुभम तोडकर (61 किग्रा) और नारायण अजीत (73 किग्रा) इस टूर्नामेंट से अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करेंगे। पिछली एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप पिछले साल मनामा, बहरीन में आयोजित की गई थी। वहीं, महिलाओं के 45 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही हर्षदा गरुड़ ने कांस्य पदक जीता। यह प्रतियोगिता में भारत का एकमात्र पदक था।

भारतीय टीम:

मीराबाई चानू (49 किग्रा), बिंदियारानी देवी (55 किग्रा), शुभम ताडकर (61 किग्रा), जेरेमी लालरिनुंगा (67 किग्रा), अचिंत शिउली (73 किग्रा), नारायण अजित (73 किग्रा)।

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