भारोत्तोलन
राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार की स्वर्ण पदक विजेता संजीता चानू डोप टेस्ट में हुई फेल
नाडा ने गुजरात राष्ट्रीय खेलों में संजीता के सैंपल लिए थे, जिसमें स्टेरायड ड्रास्टेनोलॉन पाया गया है।
भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू एक बार फिर डोपिंग के जाल में फंस गई हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार स्वर्ण पदक जीत चुकी संजीता डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने गुजरात राष्ट्रीय खेलों में संजीता के सैंपल लिए थे, जिसमें स्टेरायड ड्रास्टेनोलॉन पाया गया है।
सैंपल में प्रतिबंधित पदार्थ पाए जाने के बाद संजीता पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया हैं। इस जाल से निकलने के लिए राष्ट्रमंडल खेल की विजेता को नाडा के सुनवाई पैनल के सामने अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। अगर संजीता बेगुनाही साबित नही कर पाती है तो उन पर 4 साल का प्रतिबंधित लग सकता हैं।
बता दें 2014 ग्लासगो राष्ट्रमंडल और 2018 गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली संजीता ने सितंबर में अहमदाबाद में हुए नेशनल गेम्स की 49 किलो भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया था। और इसी दौरान नाडा ने उनका सैंपल लिया था, जिसमें स्टेरायड पाया गया है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब संजीता पर डोपिंग का आरोप का लगा है। इससे पहले 2018 में अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने उन पर बैन लगाया था। हालाकि अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने यह कहकर उनके ऊपर से प्रतिबंध हटा लिया कि अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ की ओर से टाइपिंग के दौरान गलती हुई थी जिसकी वजह से नमूनों का मिश्रण हो गया था। जिसके बाद इसे प्रशासनिक गलती मान लिया गया, और संजीता से बैन हट गया।