भारोत्तोलन
अजित नारायण और अजिंता शेउली एशियाई चैंपियनशिप में 73 किग्रा के ग्रुप बी में शीर्ष दो स्थान पर रहे
भारतीय दल इस प्रकार इस प्रतियोगिता से तीन रजत पदक के साथ लौटा
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अजीत नारायण
भारतीय भारोत्तोलक अजीत नारायण और अचिंता श्युली सोमवार को एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप की पुरुषों की 73 किग्रा स्पर्धा के ग्रुप बी में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहे। अपने पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा कर रहे अजित ने कुल 307 किग्रा (139 किग्रा + 168 किग्रा) का भार उठाया, जबकि अचिंता केवल 305 किग्रा (140 किग्रा + 165 किग्रा) का कुल भार ही उठा सके।
भारत के इन दोनों भारोत्तोलकों को उनके शुरुआती भार के आधार पर ग्रुप बी रखा गया था। भारोत्तोलन में अधिकतम शुरुआती भार रखने वाले खिलाड़ियों को ग्रुप ए और उसके बाद के खिलाड़ियों को ग्रुप बी में रखा जाता है।
मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन अजीत ने अपने शुरुआती दो स्नैच प्रयासों में 135 किग्रा और 139 किग्रा भार उठाया, लेकिन 141 किग्रा के अपने अंतिम प्रयास में विफल रहे। उन्होंने इसी तरह क्लीन एंड जर्क में 171 किग्रा के अपने अंतिम प्रयास में लड़खड़ाने से पहले 164 किग्रा और 168 किग्रा का भार आसानी से उठाया।
मांसपेशियों में खिंचाव की चोट से उबर रहे अचिंता अपने छह प्रयासों में केवल तीन वैध भार उठा सके। जूनियर विश्व चैंपियनशिप (2021) के रजत पदक विजेता ने अपने दूसरे प्रयास में स्नैच में 140 किग्रा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस वर्ग में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 143 किग्रा है। वह क्लीन एंड जर्क वर्ग 164 किग्रा का भार उठाने के बाद 169 किग्रा और 171 किग्रा के प्रयास में विफल रहे।
भारतीय दल इस प्रकार इस प्रतियोगिता से तीन रजत पदक के साथ लौटा। राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता बिंदयारानी देवी और युवा ओलंपिक चैंपियन जेरेमी लालरिनुंगा पदक हासिल करने में सफल रहे। बिंदयारानी ने महिलाओं के 55 किग्रा वर्ग में क्लीन एंव जर्क वर्ग के साथ अपने समग्र प्रयास के लिए दो रजत पदक अपने नाम किये। जेरेमी ने पुरुषों की 67 किग्रा स्नैच स्पर्धा में रजत पदक जीता।
महाद्वीपीय और विश्व चैंपियनशिप में स्नैच, क्लीन एंड जर्क और कुल भार के लिए अलग से पदक दिए जाते हैं। लेकिन, ओलंपिक में कुल भार के आधार पर सिर्फ एक पदक दिया जाता है।