भारोत्तोलन
मीराबाई चानु इस बार ओलंपिक पदक जीत सकती हैं- कर्णम मल्लेश्वरी
ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी ने उम्मीद जताई है कि मीराबाई चानु आगामी टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल कर सकती हैं। मल्लेश्वरी का मानना है कि मीराबाई ने पिछले ओलंपिक खेलों के अनुभव से निश्चित ही सीख ली होगी। वह पिछली गलतियों से सीख लेकर इस बार ओलंपिक पदक जीत सकती हैं।
साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में महिलाओं के 69 किलोग्राम वर्ग में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। इसके बाद से भारोत्तोलन में कोई भी खिलाड़ी अब तक पदक नहीं जीत सका है। मल्लेश्वरी ने मीराबाई को लेकर पीटीआई से कहा, "मैं मीराबाई से इस साल ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही हूं। उसने पिछले ओलंपिक में बहुत कुछ सीखा है और मुझे यकीन है कि वह इस साल पदक जीतेगी।"
अब भारत में भारोत्तोलको की बहुत सारी प्रतियोगितायें हो गई हैं, जिसका फायदा खिलाड़ियों को मिलेगा। इसको लेकर मल्लेश्वरी ने कहा, "अब भारत में भारोत्तोलकों के लिए बहुत सारी प्रतियोगिताएं हैं। युवा, जूनियर और सीनियर वर्ग में भारोत्तोलन प्रतियोगिताएं हैं। जब हम जूनियर वर्ग में थे, तो हम किसी भी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए नहीं गए थे। इसके अलावा अब एथलीटों के पास यूथ ओलंपिक में भी भाग लेने का मौका है। केवल पिछले दस वर्षों में, भारत के जूनियर एथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए जाना शुरू कर दिया है। इसलिए इस प्रदर्शन ने भारतीय भारोत्तोलकों को भारत में बढ़ने में मदद की है।"
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मल्लेश्वरी ने आगे कहा, "एथलीटों को जितने अधिक टूर्नामेंट में भाग लेना है, उतना ही उनके लिए बेहतर है। जब हम प्रशिक्षण ले रहे थे, हम पूरे साल कड़ी मेहनत करते थे और सिर्फ एक राष्ट्रीय चैम्पियनशिप और एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए आते थे।"