भारोत्तोलन
58 वर्षीय वेटलिफ्टर आबिद हुसैन ने नेशनल मास्टर्स में जीता गोल्ड
गुजरात के वडोदरा में आयोजित हुई तीसरे नेशनल मास्टर्स में मेवात के 58 वर्षीय भारोत्तोलक आबिद हुसैन ने स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने 81 किग्रा वर्ग में सर्वाधिक वजन उठाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। गौरतलब है कि आबिद इससे पहले भी राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
हिदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार 58 वर्षीय आबिद सेवानिवृत शिक्षक हैं। उन्होंने अपने करियर को लेकर कहा, "नूंह में स्कूल के दौरान मेरे पास कोई खेल नहीं थे जिन्हें मैं खेल सकता था। हमारे पास खेल का मैदान नहीं था इसलिए मेरे कुछ दोस्त वेटलिफ्टिंग का अभ्यास करते थे। नूंह में, खिलाड़ियों को स्थानीय अधिकारियों से कोई समर्थन नहीं मिलता है, इसलिए यदि किसी खिलाड़ी को किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेना होता है तो उसे खुद के खर्चे पर जाना होता है।"
हुसैन वेटलिफ्टरों के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता, जमील अहमद, भारतीय स्टेट बैंक में एक पूर्व मुख्य सुरक्षा गार्ड हैं और उनके तीन भाई वेटलिफ्टर भी हैं। इसको लेकर उन्होंने कहा, "मैं हमेशा एक भारोत्तोलक बनना चाहता था, लेकिन मेरे परिवार की वित्तीय स्थिति ऐसी थी कि मुझे नूंह में एक प्राथमिक स्कूल शिक्षक के रूप में नौकरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक शिक्षक के रूप में भी मैं भारोत्तोलन नहीं छोड़ पा रहा था।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे घर के पास एक छोटा सा पार्क है। मैं वहां अभ्यास करता हूं। बच्चे अक्सर मुझ पर हंसते हैं। आइए देखें कि क्या यह बूढ़ा आदमी वजन उठा सकता है। हुसैन ने कहा कि ज्यादातर बच्चे, जिन्होंने शुरुआत में मेरा मजाक उड़ाया था, अब मुझ से प्रशिक्षण ले रहे हैं।"
शिक्षक से सेवानिवृत्ति के बाद हुसैन अपना अधिकांश समय इच्छुक बच्चों को प्रशिक्षण देने में बिताते हैं। इसको लेकर उन्होंने कहा, "यह मुझे इन बच्चों को खेल के बारे में भावुक देखने के लिए संतुष्टि देता है। इस उम्र में पदक जीतकर वह इस मिथक को दूर करना चाहते थे कि भारोत्तोलन में बहुत अधिक जोखिम और चोटें शामिल थीं।"