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टेबल टेनिस

Year 2022: राष्ट्रमंडल खेलों में टेबल टेनिस का रहा जलवा, शरत कमल के लिए साबित हुआ कामयाबी भरा साल

शरत कमल को साल खत्म होने से पहले खेल के सर्वोच्च सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया।

Sharath Kamal Achanta
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अचंता शरत कमल

By

Pratyaksha Asthana

Updated: 26 Dec 2022 9:18 AM GMT

टेबल टेनिस के लिए साल की शुरुआत कई मुश्किलों भारी रही, लेकिन साल खत्म होते होते कई उपलब्धियां हाथ लगी। जिसमें बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में दिग्गज खिलाड़ी अचन्ता शरत कमल का कमाल शामिल हैं। जहां स्टार खिलाड़ी शरत ने एकल वर्ग के स्वर्ण पदक सहित कुल तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपने अनुभव का बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया। उन्होंने एकल स्पर्धा समेत टीम स्पर्धा और 24 वर्षीय श्रीजा अकुला के साथ मिलकर मिश्रित युगल का खिताब जीता था। हालाकि इसके बाद शरत ने फैसला लिया है कि वह 2024 पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेंगे।

टूर्नामेंट में मिली उपलब्धियों के अलावा शरत ने इस साल कई और सुर्खियां भी बटोरी हैं। स्वर्ण पदक विजेता शरत को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के एथलीट आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं उन्हें अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) के खिलाड़ियों के संघ में भी संयुक्त अध्यक्ष पद पर चुना गया है।

शरत के खास पल था जब साल के खत्म होते होते सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्हें यह पुरस्कार दिया गया हैं।

जहां एक ओर शरत कमल ने राष्ट्रमंडल खेलों में खूब ख्याति पाई, तो वहीं स्टार खिलाड़ी मनिका बत्रा के हाथ इन खेलों में निराशा हाथ लगी। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में 4 पदक जीतने वाली मनिका से लोगों को उम्मीद थी कि वह अपने प्रदर्शन को जारी रखते हुए देश के लिए पदक हासिल करेंगी, लेकिन मनिका बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। और बिना पदक टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

लेकिन मनिका के लिए साल यही खत्म नहीं हुआ, उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में मिली निराशा के बाद वापसी की और तीन महीने बाद बैंकॉक में एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया। दिल्ली की इस खिलाड़ी ने तीन दिन के अंदर शीर्ष 10 में शामिल दो खिलाड़ियों को हराकर कांस्य पदक जीता। वह इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी।

कुल मिलाकर यह साल टेबल टेनिस के लिए मिला जुला रहा। जहां साल के शुरुआत में ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने संचालन संबंधी गड़बड़ियों के कारण भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) को निलंबित कर दिया था। इससे खिलाड़ियों के राष्ट्रमंडल खेलों सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने को लेकर आशंका पैदा हो गई। लेकिन मामला संभल गया। जिसके बाद इस महीने के शुरू में नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने जिम्मेदारी संभाली। इन नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने यह फैसला लिया है कि टेबल टेनिस के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। ऐसे में यह देखना होगा कि आने वाला साल भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ियों के लिए कौन से नए मौके लाता हैं।

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