टेबल टेनिस
राष्ट्रमंडल खेलों में मिली असफलता के बाद मनिका बत्रा ने सोशल मीडिया पर डाला पोस्ट, भावुक होकर देश से मांगी माफी
पदक जीतने की प्रबल दावेदार माने जाने वाली मनिका चार में से किसी भी स्पर्धा में पदक हासिल नहीं कर सकी।
भारत की स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में निराशा हाथ लगी। पदक जीतने की प्रबल दावेदार माने जाने वाली मनिका चार में से किसी भी स्पर्धा में पदक हासिल नहीं कर सकी।
सबसे पहले हुई महिला टीम स्पर्धा में भारतीय टीम को मलेशिया की टीम से 3-2 से हार मिली, जिसके बाद मिश्रित युगल स्पर्धा में साथियान के जोड़ी बनाकर क्वार्टर फाइनल में उतरी मनिका जावेन चोंग और कारा लिन की एक और मलेशियाई जोड़ी 2-3 से हार गई, वहीं महिला युगल में भी उन्हें शिकस्त मिली, इन तीन मुकाबलों के अलावा वह अपना एकल स्पर्धा का भी मुकाबला भी नही जीत पाई। महिला एकल मुकाबले में उन्हें सिंगापुर की जियान जेंग से चार सीधे सेटों में हार मिली।
अपनी इस नाकामी के बाद मनिका ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट डालते हुए बमिंर्घम में पदक जीतने में विफल रहने के लिए देश से माफी मांगी।
उन्होंने लिखा, "मैं अपने देश और उन लोगों से माफी चाहूंगी जो मेरे पदक जीतने की उम्मीद लगाए थे। इस कॉमनवेल्थ गेम्स में मैं केवल क्वार्टर फाइनल तक ही पहुंच पाई और हां, मैं बहुत परेशान हूं। लेकिन मैं वादा करता हूं कि मैं इससे मजबूत होकर बाहर निकलूंगी और हर दिन मेहनत करूंगी।"
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता ने भी अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने आगे कहा, "तुम कुछ जीतते हो, तुम कुछ हारते हो। लेकिन मेरे मामले में यह हमेशा होता है। आप कुछ जीतते हैं, आप कुछ सीखते हैं। हमेशा मेरे साथ रहने और मेरे कठिन समय में भी हमेशा मेरा साथ देने के लिए मेरे दिल की गहराइयों से आप सभी का धन्यवाद।"
हालाकि मनिका के हार के कई कारण बताए जा रहे हैं जिसमे से सबसे बड़ा कारण टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) के साथ उनका झगड़ा है, जिसने शायद उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित किया हो। आमतौर पर, एथलीट खुद को ऑफ-फील्ड विवादों में शामिल होने से रोकते हैं, खासकर अपने करियर के चरम के दौरान। लेकिन, मनिका के साथ ऐसा नहीं था, टोक्यो ओलंपिक के समापन के ठीक बाद वह टीटीएफआई के साथ विवाद में शामिल थीं। जिसका कारण अपने लगातार दूसरे ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करते हुए, मनिका ने सनसनी मचा दी क्योंकि वह टोक्यो 2020 में तीसरे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं।
जिसके पश्चात, टीटीएफआई ने मनिका को टोक्यो में अपने एकल मैचों के लिए कोच सौम्यदीप रॉय की सहायता से इनकार करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया। अपने निजी कोच सन्मय परांजपे को खेल स्थल पर फील्ड ऑफ प्ले (एफओपी) की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद, मनिका ने एकल मैचों के लिए रॉय के अपने कोने में मौजूद होने की संभावना को ठुकरा दिया। उन्होंने अपने सभी एकल मैच बिना कोच के खेले और तीसरे दौर में हार गई। हालांकि, शरथ कमल के साथ मिश्रित युगल मैचों में रॉय मौजूद थीं।
बता दें मनिका ने सितंबर में टीटीएफआई के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि उनके साथ अनुचित दबाव और गलत व्यवहार किया गया था, जिसने उन्हें बड़ी मानसिक पीड़ा में डाल दिया था। कुछ महीनों के बाद कोर्ट ने आखिरकार एथलीट के पक्ष में फैसला सुना दिया।
गौरतलब है कि 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में टेबल टेनिस को कुल सात पदक हासिल हुए हैं, जिसमें सबसे बड़ा योगदान भारत के स्टार खिलाड़ी अचंता शरत कमल का था जिन्होंने 3 स्वर्ण सहित कुल 4 पदक अपने नाम किए।