टेबल टेनिस
हादसे में जान गंवाने वाले युवा टेबल टेनिस खिलाड़ी के परिवार को नहीं मिल रही मदद, सरकारी नियम बने बाधा
अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर के टेबल टेनिस खिलाड़ी विश्व दीनदयालन की जून में इंटर स्टेट टूर्नामेंट के लिए शिलांग जाते समय एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी
पिछले दिनों अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर के टेबल टेनिस खिलाड़ी विश्व दीनदयालन की जून में इंटर स्टेट टूर्नामेंट के लिए शिलांग जाते समय एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। विश्व दीनदयाल की मौत पर पूरे में भारत ने राजनेताओं और खेल जगत के खिलाड़ियों ने उनके निधन पर शोक जताया था। साथ ही उनकी मौत के बाद परिवार की अर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण साई ने परिवार को मदद का आश्वासन दिया था। लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद विश्व दीनदयालन के पिता को किसी भी तरह की मदद नहीं दी गई।
हाल ही में विश्व दयादलान के पिता ने एक न्यूज पेपर से बात करते हुए कहा कि हमें विश्व से काफी उम्मीदें थीं। वह मुझसे कहता रहा कि वह इस साल विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लेगा। मैं भगवान से प्रार्थना करता था कि वह मुझे तब तक जीवित रखे जब तक मैं उसे ओलंपिक में खेलते हुए नहीं देखता। लेकिन वह अब नहीं रहा। हमने सब कुछ खो दिया है।
दीनदयालन ने कहा कि उन्होंने "दस्तावेज देखा है कि सभी खेलो इंडिया एथलीटों का बीमा किया गया था" और इसके बारे में "अखबारों में पढ़ा"। वह चाहते हैं कि सरकार मामले को "सहानुभूतिपूर्वक" देखे क्योंकि जब दुर्घटना हुई तो उनका बेटा "नेशनल ड्यूटी पर" था।। अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए मानदंडों के बारे में पूछे जाने पर साई ने कहा, "1 जून, 2021 से 31 मई, 2022 तक बीमा चक्र में साई नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और खेलो इंडिया मान्यता प्राप्त केंद्रों में खेलो इंडिया एथलीटों का बीमा किया गया था। गैर-मान्यता प्राप्त अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले एथलीटों को खुद से बीमा लेने पर इसके क्लेम की रीइंबर्समेंट की अनुमति दी गई थी।
विश्व के पिता का कहना है कि उन्हें इस नीति से अवगत नहीं कराया गया था। "अगर ऐसा होता, तो हमें बताया जाना चाहिए था और हम निजी बीमा लेते और आवश्यक दस्तावेज जमा करते।"
वहीं खेलो इंडिया कार्यक्रम 2018 में जमीनी स्तर पर खेलों को विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। समिति द्वारा चुने गए होनहार खिलाड़ियों को अन्य लाभों के अलावा प्रति वर्ष 5 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साई ने अपने बयान में कहा कि वह परिवार की मदद करेगा। उसने परिवार को युवा मामले और खेल मंत्रालय से दीनदयाल उपाध्याय कोष के तहत एकमुश्त अनुदान के लिए आवेदन करने की सलाह दी है। इस फंड के तहत एक एथलीट कुल मिलाकर लगभग 5 लाख रुपये का हकदार होता है।
बहरहाल अब देखने वाली बात कि कब तक युवा खिलाड़ी के पिता को अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।