टेबल टेनिस
राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर खिलाडियों में गतिरोध तेज, टेबल टेनिस खिलाड़ी पहुंची अदालत
अर्चना से पहले दीया चितले, मानुष साह और स्वस्तिका घोष अदालत की शरण में चले गए थें
![Archana Kamath Table Tennis Archana Kamath Table Tennis](https://hindi.thebridge.in/h-upload/2022/06/17/30629-archana-kamath.webp)
अर्चना कामथ
राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चुनी गई टीम से बाहर किए जाने के बाद टेबल टेनिस खिलाड़ी अर्चना कामथ ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बर्मिंघम में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाली प्रतियोगिता की टीम के चयन को लेकर गतिरोध अब और तेज हो गया है। इससे पहले कई और खिलाड़ी भी अदालत जा चुके हैं।
अर्चना को शुरुआत में छूट देते हुए टेबल टेनिस टीम में शामिल किया गया था क्योंकि वह भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) की पात्रता को पूरी नहीं कर पाई थीं। हालांकि प्रशासकों की कमेटी ने अचानक उन्हें टीम से बाहर कर दिया और दीया चितले को टीम में जगह दे दी। टीम से बाहर किए जाने से नाराज अर्चना ने भारत सरकार, टीटीएफआई, भारतीय खेल प्राधिकरण और महिला टीम की अन्य सदस्यों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की है।
अर्चना महिला युगल में मनिका बत्रा के साथ दुनिया की चौथे नंबर की जोड़ी बनाती हैं। उच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को 22 जून को सुनवाई की अगली तारीख देते हुए उसके समक्ष पेश होने को कहा है।
बेंगलोर इससे पहले सीओए इससे पहले आठ सदस्यीय टीम की घोषणा की थी जिसमें महिला टीम को भारतीय खेल प्राधिकरण से स्वीकृति जरूरी थी। पहली सूची में चयन कमेटी ने महिला वर्ग में दीया चितले को स्टैंडबाई पर रखते हुए मनिका, अर्चना, श्रीजा अकुला और रीत रिष्या को चुना था।
वही पुरुष टीम में अनुभवी शरत कमल, जी साथियान, हरमीत देसाई और सानिल शेट्टी को जगह दी गई जबकि मानुष साह को रिजर्व खिलाड़ी रखा गया।
सीओए का यह फैसला कई खिलाड़ियों को रास नहीं आया और अर्चना से पहले दीया चितले, मानुष साह और स्वस्तिका घोष भी अदालत की शरण में चले गए थें।