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निशानेबाजी

विश्व चैंपियन निशानेबाज रूद्रांक्ष और अंजुम को अब तक नहीं मिली प्रेसिडेंट्स कप की जीती हुई रकम

रूद्रांक्ष ने तीन दिसंबर को कैरो में साल के अंतिम आईएसएसएफ प्रेसिडेंट्स कप 2022 की पुरूष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीत हासिल की थी

Rudrankksh Patil shooting
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रुद्रांक्ष पाटिल

By

Pratyaksha Asthana

Published: 16 Dec 2022 11:46 AM GMT

प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट्स कप जीतने वाले भारतीय युवा विश्व चैंपियन निशानेबाज रूद्रांक्ष पाटिल को अब तक प्रेसिडेंट्स कप की जीती हुई धनराशि नहीं मिली हैं। दरअसल, रूद्रांक्ष ने तीन दिसंबर को कैरो में साल के अंतिम आईएसएसएफ प्रेसिडेंट्स कप 2022 की पुरूष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में इटली के दानिलो सोलाजो को हराकर खिताब जीता था। लेकिन 19 साल के रूद्रांक्ष को अभी तक इस कप की पुरस्कार राशि नहीं मिली है।

इसकी मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आईएसएसएफ) में सत्ता परिवर्तन की बताई जा रही हैं। विश्व संचालन संस्था आईएसएसएफ के प्रमुख व्लादिमीर लिसिन अपनी वित्तीय प्रतिबद्धता पूरी करने में असफल रहे हैं जिस कारण उन्हे वैश्विक संचालन संस्था के प्रमुख पद से हटा दिया। हालाकि इटली के लुसियानो रोसी की अध्यक्षता में आईएसएसएफ इस प्रतिबद्धता को पूरी करने की पूरी कोशिश करने में लगा हैं।

रूद्रांक्ष के साथ अन्य भारतीय निशानेबाज अंजुम मोदगिल ने 50 मीटर राइफल थ्री पाजिशंस स्पर्धा में रजत पदक जीता था और उन्हें भी 7500 यूरो मिलने थे, जो कि नही मिले हैं।

बता दें आईएसएसएफ प्रेसिडेंट्स कप में प्रत्येक व्यक्तिगत ओलंपिक स्पर्धा के 12 शीर्ष एथलीट 2022 विश्व रैंकिंग के हिसाब से हिस्सा लेते हैं जिसकी पुरस्कार राशि इस साल 792,000 यूरो थी। प्रत्येक स्पर्धा में 66,000 यूरो की पुरस्कार राशि थी जिसमें विजेता को 15,000 यूरो मिलने थे।

इस मामले को लेकर रूद्रांक्ष के पिता बालासाहेब पाटिल ने शुक्रवार को पीटीआई से कहा, ''उन्होंने (आईएसएसएफ) ने पुरस्कार राशि की घोषणा की थी और अब वे इसमें विलंब कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है लेकिन हम क्या कह सकते हैं।"

उन्होंने कहा, "पिछले आईएसएसएफ अध्यक्ष (लिसिन) पुरस्कार राशि का प्रायोजन कर रहे थे। फिर चुनाव आ गये और उन्हें हटा दिया गया। इसलिये सभी प्रायोजकों ने प्रायोजन रद्द कर दिया। मुझे उम्मीद है कि वे (आईएसएसएफ) एक या दो महीने में इस प्रतिबद्धता को पूरा कर पायेगा लेकिन अभी इस पर अनिश्चितता बनी हुई है।"

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