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निशानेबाजी

आईएसएसएफ ने स्वर्ण पदक के लिए शीर्ष दो निशानेबाजों के बीच मुकाबले के नियम में किया बदलाव

पुरानी पद्धति को वापस लाते हुए अब सर्वश्रेष्ठ स्कोरर को स्वर्ण पदक मिलेगा

आईएसएसएफ ने स्वर्ण पदक के लिए शीर्ष दो निशानेबाजों के बीच मुकाबले के नियम में किया बदलाव
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Pratyaksha Asthana

Updated: 12 April 2023 4:40 PM GMT

अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) ने अहम फैसला लेते हुए दो निशानेबाजों के बीच नियम को खत्म किया हैं।

आईएसएसएफ ने विश्व कप और ओलंपिक सहित अन्य बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक के लिए फाइनल्स में सबसे अधिक अंक जुटाने वाले दो निशानेबाजों के बीच मुकाबले के एक अतिरिक्त चरण को हटा दिया है और पुराने प्रारूप को लागू कर दिया हैं।

पुरानी पद्धति को वापस लाते हुए अब सर्वश्रेष्ठ स्कोरर को स्वर्ण पदक मिलेगा। और शीर्ष दो निशानेबाज अब स्वर्ण पदक के लिए अलग से प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे।

नया नियम 8 से 15 मई के बीच आयोजित होने वाले आईएसएसएफ पिस्टल/राइफल विश्व कप से प्रभावी होगा और पेरिस में 2024 ओलंपिक खेलों के दौरान भी इसका पालन किया जाएगा। हालाकि क्वालीफिकेशन दौर में कोई बदलाव नहीं किया गया है जहां से सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले आठ निशानेबाज फाइनल में जगह बनाते हैं।

इससे पहले आईएसएसएफ ने 2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद पिस्टल और राइफल निशानेबाजी में विजेता का फैसला करने के लिए फाइनल में अतिरिक्त चरण की शुरुआत की थी।

बता दें विजेता का फैसला करने के लिए फाइनल में कुल 24 शॉट दागे जाएंगे।

राष्ट्रीय ट्रायल के लिए भोपाल में मौजूद दुबे ने कहा, ‘‘ये नए (नियम) बदलाव तकनीकी नहीं हैं इसलिए निशानेबाजों को अपनी तकनीक में कोई बड़ा बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। समय में केवल कुछ बदलाव की आवश्यकता होगी जो आसानी से किया जा सकता है और इस महीने के अंत में दिल्ली में राष्ट्रीय शिविर के दौरान हम इस पर काम करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि हम बाकू विश्व कप से पहले नए प्रारूप से काफी परिचित होंगे। हम राष्ट्रीय ट्रायल में नए प्रारूप को पूरी तरह से लागू करेंगे।’’

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