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रियो से बेहतर होगा टोक्यो 2020: गगन नारंग
ओलम्पिक में कांस्य जीत चुके गगन नारंग को गुरुवार के दिन खेल दिवस के मौके पर राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन अवार्ड से नवाज़ा जा रहा है| इस मौके पर गगन ने की ब्रिज हिंदी के साथ एक्सक्लूसिव बात चीत में शेयर किया अपना अनुभव|
"लोगों को इस खेल को ले कर काफी गलतफहमियां थी जो हमने इस फाउंडेशन के ज़रिये मिटने की कोशिश की हैं| जब में ओर पवन पुणे में ट्रैनिंग कर रहे थे तब हमे लगा की हमे इस स्पोर्ट के लिए कुछ करना चाहिए| फिर वह भले ही आर्थिक मदद को ले कर हो या अपने अनुभव बाटना हो| उस समय हमे लक्ष्य कर के एक फाउंडेशन सपोर्ट कर रहा था| हमने जा जा कर मनुफक्चररस से बात की ताकि वह हमे इक्विपमेंट्स सस्ते में दे ओर मैंने कामनवेल्थ से मिली राशि भी इसी में लग दी|"
इस बातचीत के दौरान हमे पता चला की ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो इस स्पोर्ट में कुछ करना चाहते हैं पर कोई न कोई वजह से पीछे रह जा रहे है|
"मेरे माता-पिता को राइफल लेने के लिए घर बेचना पड़ा था तो मुझे पता हैं की यह कुछ लोगो के लिए कितनी बड़ी बात हो सकती हैं| मैं नहीं चाहता था की किसी ओर को मेरे जैसे सफर करना पड़े| हमे लक्ष्य से 20 लाख की फंडिंग मिली जिससे हमने 20 खिलड़ियों को सपोर्ट किया ओर इन 20 खिलाड़ियों ने अभी तक 60 पदक जीत चुके हैं| हमने उनको एक गन स्मिथ की तरह भी सपोर्ट किया जो पुरे देश में कहीं नहीं है|"
गगन के हिसाब से उनका फाउंडेशन यह समझने में मदद करता हैं कि क्या बच्चे में इस स्पोर्ट के लिए टैलेंट हैं भी या नहीं| एक मजेदार किस्सा शेयर करते हुए गगन ने याद करते हुए कहा "2016 में शूटिंग में कोई भी मेडल नहीं जीतने के बावजूद हमे कॉल सबसे ज़्यादा तब आयी जब पी वी सिंधु जीती थी| उस टाइम से लोगो का आउटलुक बदलने लगा ओर उन्होंने यह समझना शुरू कर दिया कि बैडमिंटन नहीं तो कोई न कोई स्पोर्ट ज़रूर खिलाना चाहिए| हमारे जूनियर्स ने वो कर दिखाया हैं जो हमे करने में 10 साल लग गये थे|"
उनके साथी, पवन ने भी यह समझाया कि फेडरेशन के तरफ से क्या- क्या गलतियां होती थी," पहले जहाँ एंट्री फॉर्म कूरियर करना होता था अब सारी चीज़ कम्पूटराईस हो गयी है|"
इस अवार्ड से पहले गगन को खेल रतन और अर्जुन अवार्ड मिल चुका है पर उनके लिए यह टोक्यो 2020 स्पेशल है क्योंकि यह उनके गेम को ऑनर करने के लिए दिया जा रहा है|