पैरा खेल
Commonwealth Games 2022: भारत के सुधीर ने पैरा-पावर लिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीता, दो बार हासिल कर चुके हैं स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब
सुधीर भारत के लिए पैरा-पावर लिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं
सुधीर जिन्होंने पैरा पावर लिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। क्या आप जानते हैं उन्हें 5 वर्ष की आयु में पोलियो हो गया था। जब सुधीर को पैरों में परेशानी हुई, तो पता चला कि सुधीर को पोलियो हो गया है।
आमतौर पर ऐसे में इंसान थोड़ा निर्बल बन जाता है। लेकिन, सुधीर ने खुद को कमज़ोर पड़ने नहीं दिया। साल 2013 में खुद को फिट रखने के लिए उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू की। फिर लगातार इसका अभ्यास करने से उन्होंने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और इसमें प्रतियोगिता करना भी शुरू कर दिया।
आपको बता दें कि सुधीर को दो बार *स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया* का खिताब भी मिल चुका है। वहीं सुनील लगातार 7 बार नेशनल पैरा-पावर लिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
हरियाणा के सोनीपत के गाँव लाठ में किसान परिवार में जन्मे सुधीर ने पैरा-पावर लिफ्टिंग, पैरा खिलाड़ी वीरेंद्र धनखड़ से प्रेरित होकर शुरू की थी। और महज 2 साल के अंदर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिलने के बाद सुधीर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने की सोची और आज उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक हासिल कर लिया है।
आपको बता दें सुधीर ने प्रतियोगिता के दौरान पहले प्रयास में 208 किलो वजन उठाया। इसके बाद 212 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। हालांकि तीसरे प्रयास में सुधीर 217 किलो वजन नहीं उठा पाए। लेकिन, वह पहले ही स्वर्ण पदक भारत के नाम कर चुके थे। इसी के साथ उन्होंने 134.5 अंकों के साथ इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत लिया।
पैरा-पावर लिफ्टिंग दिव्यांग एथलीट्स के लिए खेले जाने वाला खेल है। इसमें एथलीट के भार उठाने पर, शरीर के वजन और उसकी तकनीक के अनुसार अंक मिलते हैं। जहाँ सुधीर 134.5 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहे। वहीं, इस प्रतिस्पर्धा में नाइजीरिया के इकेचुकू क्रिस्टियन ओबेचुकू 133.6 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जबकि स्कॉटलैंड के मिकी यूल ने 130.9 अंकों के साथ तीसरा पायदान प्राप्त किया।
पैरा-पावरलिफ्टिंग में सुधीर से पहले 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में सकीना खातून ने कांस्य पदक जीता था। लेकिन पैरा-पावर लिफ्टिंग में भारत के लिए यह पहला स्वर्ण पदक है।
खुद को मजबूत करने से शुरू हुई यह कहानी आज स्वर्ण पदक पर आ पहुँची है और सुधीर को आगे और भी कई मुकाम हासिल करने हैं।