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भारतीय संसद ने पारित किया राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक
यह विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला के कामकाज के लिए एक वैधानिक ढांचा प्रदान करने का प्रयास करेगा।
भारत की संसद ने आज यानी की बुधवार के दिन राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया हैं। यह विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला के कामकाज के लिए एक वैधानिक ढांचा प्रदान करने का प्रयास करेगा।
इससे पहले पिछले हफ्ते लोकसभा ने इसे कुछ आधिकारिक संशोधनों के साथ मंजूरी दी थी, जिसके बाद आज इसे राज्यसभा से भी मंजूरी दे दी गई हैं। राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए युवा एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि विधेयक के कानून बनने से न सिर्फ खेल और खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, बल्कि ''आत्मनिर्भर भारत'' अभियान को भी बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत दुनिया के उन कुछ एक देशों में शामिल हो जाएगा जहां अपना कानून और अपनी एजेंसी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित कुछ देशों में डोप जांच को लेकर पहले से ही व्यवस्था है, अब भारत भी इसमें शामिल हो जाएगा और भारत की साख बढ़ेगी।
अनुराग ठाकुर ने आगे किया खेल मंत्री ने कहा कि अभी भारत की क्षमता हर साल छह हजार नमूनों की जांच करने की है जो पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हम किसी बड़ी खेल प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, तब एक महीने में 10 हजार से अधिक नमूनों की जांच की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में एक प्रयोगशाला से काम नहीं चलेगा और इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
खेलमंत्री के मुताबिक प्रयोगशाला की स्थापना पर करीब 100 करोड़ रूपये का खर्च आता है क्योंकि प्रयोगशाला में प्रयुक्त होने वाली मशीनों की कीमत भी करोड़ों रूपए हैं। उनके जवाब के बाद राज्यसभा ने 'राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2021' को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।