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देश में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुआ ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम

इस कार्यक्रम का आधिकारिक शुभारंभ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया

देश में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुआ ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम
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Amit Rajput

Updated: 24 May 2022 5:41 PM GMT

देश के खिलाड़ियों के द्वारा पिछले कुछ दिनों में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन करता हुआ देख अब देश में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को भी एक नए स्तर पर ले जाने की तैयारियां शुरू हो गई। जिसके सिलसिले में देश में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारत में पहला ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम ओड़िशा राज्य में शुरू हुआ है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी स्कूलों में ओलंपिक खेलों के सीखने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही ओलंपिज्म-थीम वाले पाठ्यक्रम को भी ओडिशा राज्य में स्कूली शिक्षा प्रणाली में एकीकृत किया गया है। ओवीईपी को ओडिशा सरकार के स्कूल और जन शिक्षा विभाग और अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।

सीएम पटनायक ने किया शुभारंभ

इस कार्यक्रम का आधिकारिक शुभारंभ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया। इसमें आईओसी शिक्षा आयोग के अध्यक्ष मिकाएला कोजुआंगको जवार्स्की, आईओसी सदस्य नीता अंबानी, ओलंपियन और आईओसी एथलीट आयोग के सदस्य अभिनव बिंद्रा, और भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा शामिल रहे। अपने इस पहले साल के कार्यक्रम का लक्ष्य भुवनेश्वर और राउरकेला के 90 स्कूलों में 32,000 बच्चों तक पहुंचना है। इसके बाद यह लगभग 7 मिलियन बच्चों तक पहुंच जाएगा।

इस दौरान आईओसी सदस्य नीता अंबानी ने कहा, "भारत महान अवसरों और अनंत संभावनाओं का देश है। हमारे स्कूलों में 25 करोड़ से अधिक बच्चे हैं, जिनमें प्रतिभा और क्षमता है। वे कल के चैंपियन हैं, हमारे देश का भविष्य हैं। दुनिया में बहुत कम बच्चे ही ओलंपियन बन पाएंगे, लेकिन हर बच्चा ओलंपिक के आदर्शों को छू सकता है! यही ओवीईपी का मिशन है और यही इसे भारत के लिए एक बड़ा अवसर बनाता है। जैसा कि हम मुंबई में आईओसी सत्र 2023 की मेजबानी करने की तैयारी कर रहे हैं, मैं अपने देश में ओलंपिक आंदोलन को और मजबूत करने की आशा करती हूं।"

इस कार्यक्रम से अन्य खेलों को बढ़ावा मिलेगा

वहीं आपको बता दें कि ये कार्यक्रम ओलंपिक खेलों के संदर्भ और ओलम्पिकवाद के मूल सिद्धांतों का उपयोग करते हुए अकादमिक पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए है। प्रतिभागियों को मूल्य-आधारित शिक्षा का अनुभव करने और अच्छी नागरिकता की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही खेल और शारीरिक गतिविधि के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है। यह कार्यक्रम देश में अन्य खेलों को भी तेजी से बढ़ावा देगा।

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