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आईओए राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए लगायेगा बोली, बर्मिंघम खेलों का करेगा समर्थन
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) राष्ट्रमंडल खेलों की दावेदारी के लिए बोली लगाने जा रहा है। वह 2026 या 2030 की मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी पेश करेगा। इसके अलावा आईओए बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के फैसले से भी पीछे हट गया है। इससे पहले निशानेबाजी को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नहीं किया गया था, जिसके बाद आईओए ने इस प्रतियोगिता का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
भारत ने अंतिम बार साल 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी। ओलंपिक खेलों की देश में शीर्ष संस्था आईओए अब राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की जरूरी स्वीकृति लेने के लिए सरकार से संपर्क करेगा। आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने पीटीआई से कहा, "हमने 2026 या 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने का फैसला किया है और साथ ही हमने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भी अपना दल भेजने का फैसला किया है।"
आईओए ने साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के बर्मिंघम खेलों से पहले अलग से राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी। ऐसा माना जा रहा है कि इससे 2022 खेलों से निशानेबाजी को हटाए जाने की भरपाई हो सकेगी। आईओए जल्द ही इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के पास भेजेगा जिसके बाद सीजीएफ की कार्यकारी समिति इस पर फैसला करेगी। पिछले हफ्ते सीजीएफ ने इस संबंध में एनआरएआई को अगले महीने की शुरुआत तक औपचारिक प्रस्ताव भेजने को कहा था।
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दूसरी तरफ एनआरएआई ने इस प्रतियोगिता की मेजबानी का खर्चा उठाने की पेशकश की है। इससे पहले निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों से हटाए जाने के बाद आईओए प्रमुख नरिंदर बत्रा ने भारत के इन खेलों से हटने का प्रस्ताव रखा था।