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राष्ट्रीय खेल

National Games 2022: दिल्ली के मोहित सहरावत ने कंधे में चोट लगने के बावजूद जूडो के 81 किग्रा वर्ग में जीता स्वर्ण पदक

क्वार्टर फाइनल में पंजाब के सरबजीत सिंह के खिलाफ उनका कंधा अपनी जगह से हिल गया।

National Games 2022: दिल्ली के मोहित सहरावत ने कंधे में चोट लगने के बावजूद जूडो के 81 किग्रा वर्ग में जीता स्वर्ण पदक
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जूडो पुरुष 81 किग्रा पदक विजेता 

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The Bridge Desk

Updated: 8 Oct 2022 6:57 PM GMT

मोहित सहरावत को अपना अपना दाहिने कंधा बचाने की जरूरत है। हालांकि चोटिल होने के बाजूद दिल्ली के जूडोका मोहित ने 81 किग्रा भार वर्ग में पहले कुछ सेकंड के भीतर अपने सेमीफाइनल और फाइनल - दोनों मुकाबलों में जीत हासिल करते हुए शनिवार को यहां महात्मा मंदिर परिसर में जारी 36 वें राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीत लिया।

मोहित सहरावत इस साल की शुरुआत में लखनऊ में सीनियर नेशनल का खिताब जीतने के बाद 36 वें राष्ट्रीय खेलों में खिताब के दावेदार के रूप में उतरे थे। लेकिन क्वार्टर फाइनल में पंजाब के सरबजीत सिंह के खिलाफ उनका कंधा अपनी जगह से हिल गया।

मोहित सहरावत ने बाएं हाथ के खिलाड़ी होने के लिए अपने सितारों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ''मैं एक समय बढ़त में था। इसलिए मैंने इसे सुरक्षित खेलने का फैसला किया क्योंकि अगर मैं मेडिकल के जाता तो फिर मुझे इसे गंवाना पड़ता। लेकिन उसने गलती की और मुझे थ्रो मिला। सेमीफाइनल और फाइनल में, मैंने सही ग्रिप मिलने पर थ्रो करने का फैसला किया और इसने मेरे लिए शानदार प्रदर्शन किया।"

दिल्ली के इस जुडोका ने स्वीकार किया कि अधिक प्रतिस्पर्धी होने के कारण उन्हें इस खेल में काफी दिलचस्पी है। मोहित ने अपने खेल में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए खेलो इंडिया गेम्स को भी काफी श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य अगले साल एशियाई खेलों में जगह बनाना है।

मोहित अब भोपाल स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग करते हैं। उन्होंने कहा, ''भारतीय जुडोका ने अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। हमने इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मेडल जीते हैं। मेरे लिए अब अगला लक्ष्य अगले साल होने वाले एशियाई खेलों में अपनी जगह बनाना और वहां और बेहतर प्रदर्शन करना है।''

दिन के अन्य मुकाबलों में, लालहुमिमी ने मिजोरम के लिए खेलों का पहला स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 52 किग्रा वर्ग के फाइनल में दिल्ली की दुर्जेय पिंकी बल्हारा को हराया।

लालहुमिमी ने सेमीफाइनल के एक कड़े मुकाबले में हरियाणा की सिमरन पर जीत दर्ज की थी और बल्हारा के खिलाफ थ्रो के लिए सही ग्रिप खोजने के मौके का इंतजार किया।

सशस्त्र सीमा बल की लालहुमिमी ने कहा, ''मैं और पिंकी कई बार एक-दूसरे का सामना कर चुके हैं। पिछली बार मैं उससे हार गई थी। इसलिए, इस बार मैं बहुत अधिक मजबूत थी।''

मध्य प्रदेश की यामिनी मौर्य ने महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग के फाइनल में हरियाणा की सावित्री को हराया, जबकि हरियाणा के विशाल रूहिल ने राज्य के साथी जतिन को हराकर पुरुषों का 73 किग्रा वर्ग का स्वर्ण पदक जीता।

परिणाम:

जूडो:

महिला:

एनजी-52 किग्रा: 1. लालहुमिमी (मिजोरम); 2. पिंकी बल्हारा (दिल्ली); 3. एल.नुंगशिथोई चानू (मणिपुर) और स्नेहल रमेश के (महाराष्ट्र)

एनजी-57 किग्रा: 1. यामिनी मौर्य (मध्य प्रदेश); 2. सावित्री (हरियाणा); 3. सुचिका टारियाल (हरियाणा) और एल. बेमबेम देवी (मणिपुर)

जूडो महिला 57 किग्रा पदक विजेता

पुरुष:

एनजी-73 किग्रा: 1. विशाल रुहिल (हरियाणा); 2. जे जतिन (हरियाणा); 3. प्रदीप रावत (उत्तराखंड) और विकास दलाई (हरियाणा)

एनजी-81 किग्रा: 1. मोहित सहरावत (दिल्ली); 2. हर्षप्रीत सिंह (पंजाब); 3. परविंदर (हरियाणा) और अभिषेक चौधरी (उत्तर प्रदेश)

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