मोटरस्पोर्ट्स
भारत में मोटरस्पोर्ट के लिये बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत: नारायण कार्तिकेयन
इस सप्ताह भारत में पूरी इलेक्ट्रिक फॉर्मूला ई चैम्पियनशिप रेस हो रही है
भारत के पहले एफवन ड्राइवर नारायण कार्तिकेयन का मानना है कि हैदराबाद में फॉर्मूला ई रेस होने से देश में मोटरस्पोर्ट की लोकप्रियता बढे़गी, लेकिन इसके विकास के लिए अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। भारत में आखिरी बार मोटरस्पोर्ट का बड़ा आयोजन 2013 में तीसरी इंडियन ग्रां प्री फॉर्मूला वन रेस के रूप में हुआ था।
इस सप्ताह भारत में पूरी इलेक्ट्रिक फॉर्मूला ई चैम्पियनशिप रेस हो रही है जबकि सितंबर में मोटो जीपी रेस होनी है। कार्तिकेयन, जिन्होंने कुछ साल पहले अपने उद्यमशीलता के काम पर ध्यान केंद्रित करने से पहले लगभग तीन दशकों तक दुनिया भर में दौड़ लगाई थी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ''भारत में एक दशक बाद विश्व चैम्पियनशिप रेस हो रही है। नया प्रारूप होने के बावजूद भारत में यह खेल के लिए अच्छा है और इससे मोटरस्पोर्ट की लोकप्रियता बढेगी।"
उन्होंने कहा, ''रेस हैदराबाद शहर में होगी लिहाजा इसे काफी दर्शक मिलेंगे। पहली रेस होने के कारण सभी इसे देखने को लालायित होंगे। लेकिन सड़क के किनारे से देखने वाले दर्शक किसी ड्राइवर को पहचान नहीं सकेंगे। वैसे कुछ बड़े ब्रांड और निर्माता प्रमोशन के लिए जरूर कुछ करेंगे।'' इस रेस में भारत का कोई ड्राइवर भाग नहीं ले रहा, लेकिन महिंद्रा रेसिंग इसमें जरूर नजर आयेगी।
उन्होंने आगे कहा, "सभी स्ट्रीट सर्किटों की तरह, हैदराबाद ट्रैक की अपनी अनूठी चुनौतियाँ होंगी, यह शुरुआत में बहुत हरा-भरा होगा। जैसा कि यह एक दिवसीय आयोजन है, ट्रैक में बदलाव तेजी से होगा और इन तेजी से बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए टीमों और ड्राइवरों को त्वरित होने की आवश्यकता है।"
कार्तिकेयन ने कहा, ''भारत में मोटो जीपी रेस भी होनी है और दो विश्व चैम्पियनशिप से खेल पर सभी का ध्यान जायेगा। देश में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन मोटरस्पोर्ट को बुनियादी ढांचे और वित्तीय सहायता की जरूरत है जो इतने साल से नहीं मिला।''