Begin typing your search above and press return to search.

खो-खो

कभी न्यूज़ पेपर बेचने वाले दीपक ने रोशन किया खो खो का मैदान

कभी न्यूज़ पेपर बेचने वाले दीपक ने रोशन किया खो खो का मैदान
X
By

P. Divya Rao

Published: 9 Sep 2019 11:08 AM GMT

क्रिकेट प्रेमी देश में एक ऐसे खेल में अपना नाम और पहचान बनाना कोई आसान बात नहीं, जो अब तक मानो कहीं अपने नाम के पहले शब्द की तरह 'खो' सा गया है। दीपक माधव उन चंद खिलड़ियों में से हैं जिन्होंने क्रिकेट से हटकर अपनी पहचान बनानी चाही, स्कूल में खो खो पसंद होने के बावजूद उन्हें स्कूल की टीम में जगह नहीं मिली थी| तब वह सिर्फ 12 साल के थे, पर आज चीज़ें बदल गई हैं|

"मेरे स्कूल में खो खो बहुत लोकप्रिय था और काफी अच्छे खिलाड़ी भी थे तो मेरे लिए ऐसी टीम में जगह बनाना बड़ा मुश्किल हो गया| पर मैं उनको देख कर सीखने की कोशिश करता था और अपने गेम को बेहतर करना शुरू कर दिया, " दीपक माधव ने एक अंग्रेज़ी अख़बार से बातचीत के दौरान ये बातें कही।

दीपक को मिला अल्टीमेट खो खो लीग में मौका

उनके खेल के कारण अंडर 14 चैम्पियनशिप से कॉल आया और दीपक ने इस अवसर को बिना गंवाए टीम को गोल्ड जितवा दिया| इसके बाद अंडर 18 जूनियर नेशनल में भी गोल्ड जीत कर उन्होंने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करना शुरू कर दिया|

पर यह माहौल ज़्यादा देर नहीं चला और बीमारी के कारण, दीपक के पापा को अपनी जॉब छोड़नी पड़ी और सारी ज़िम्मेदारी दीपक पर आ गई| "मेरी माँ एक ग्रहणी है और पापा होटल में रिसेप्शन में काम करते थे तो फिर हमें उनका ध्यान और मेरी बेहेन का भी ध्यान रखना था|"

दीपक अपने दिन की शुरुआत अखबार बेचने से करते थे और फिर दूध भी बेचते थे, 2 नौकरियों के साथ पढाई को टाइम देना आसान नहीं था, पर सुबह काम करने के बाद, वह शाम को क्लासेज करते थे और फिर प्रैक्टिस के लिए जाते थे| 2015 के फेडरेशन कप में गोल्ड जीतने के बाद उनको भारतीय रेलवेज़ में जॉब मिली| "मैंने करीब 3 बार जॉब के लिए अप्लाई किया था पर मेरे सीनियर्स मेरे से अच्छा किये तो मुझे मौका नहीं मिला| फिर चौथी बार में मेरा आख़िरकार चयन हुआ|"

हाल ही में जब सीनियर खेलों में उन्होंने ने रेलवेज का प्रतिनिधित्व किया तो वह सिल्वर जीतने में कामयाब रहे और इसके बाद उन्हें लीग बेस्ड टूर्नामेंट, अल्टीमेट खो खो लीग में मौका मिला| दीपक का सपना यही तक नहीं है, वह चाहते है कि वह देश की पहचान बने|

Next Story
Share it