खेलो इंडिया
Khelo India Youth Games: अरुणाचल के भारोत्तोलक मार्कियो टैरियो आगामी एशियाई खेलों को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह तैयार हैं
मार्कियो का सपना राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में हिस्सा लेना और देश के लिए पदक जीतना है।
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मार्कियो टैरियो
खेलो इंडिया यूथ गेम्स की बात करें तो अरुणाचल के युवा वेटलिफ्टर मार्कियो तारियो रुघु इसके लेजेंड बन चुके हैं। चौथी बार इस इवेंट में हिस्सा लेने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार मार्कियो 67 किलोग्राम भार वर्ग में गुवाहाटी की अपनी सफलता को दोहराने के साथ-साथ अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाना चाहते हैं।
मार्कियो ने बीते साल अक्टूबर में बहरीन में आयोजित एशियाई वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था, जहां वह 9 खिलाड़ियों के बीच छठे स्थान पर रहे थे। बड़े प्लेटफार्म पर पहली बार उतरे मार्कियो दिग्गजों के बीच सहम गए थे लेकिन मेंटल स्ट्रेंथ पर काम करने के बाद वह इस कमजोरी पर विजय पा चुके हैं।
मार्कियो ने कहा, "मैं वहां थोड़ा डर गया था। स्नैच में मैंने 123 और क्लीन एंड जर्क में 158 किलोग्राम उठाया था लेकिन मैं इससे बेहतर कर सकता था। वहां से आने के बाद मैंने अपनी इस कमजोरी पर काम किया और अब इससे उबर चुका हूं। अब मैं किसी भी प्लेटफार्म पर नर्वस नहीं होऊंगा।"
अपने इंटरनेशनल लेवल के वेटलिफ्टर मामा- युकर सीवी से प्रेरणा लेकर वेटलिफ्टिंग में आए अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव रुघु के निवासी मार्कियो ने हाल में ही तमिलनाडु में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था। अभी वह पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में कोच चंदू सेकर की देखरेख में प्रैक्टिस कर रहे हैं।
मार्कियो ने दिल्ली में साल 2018 खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में 65 किग्रा कटेगरी में कांस्य पदक जीता था। फिर मार्कियो ने पुणे में आयोजित खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में 67 किग्रा कैटेगरी में रजत पदक जीता था। गुवाहाटी में मार्कियो ने 67 किग्रा कैटेगरी में ही स्वर्ण जीता। पंचकूला में इन खेलों के चौथे संस्करण में वह हिस्सा नहीं ले सके थे लेकिन अब मध्य प्रदेश में पहली बार हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 में वह फिर से अपनी चमक दिखाना चाहते हैं।
साल 2015 में वेटलिफ्टिंग शुरू करने वाले मार्कियो ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स को लेकर कहा, "ये बहुत अच्छा प्लेटफार्म है। इससे बहुत फायदा होता है। अगर इसमें आपका मेडल आ जाता है तो आपको स्कालरशिप मिलता है। साथ ही यहां फेसिलिटी बहुत बढ़िया होता है, बाकी के कम्पटीशन की तुलना में। इसका कम्पटीशन लेवल भी अच्छा होता है और खिलाड़ियों को एक दूसरे से काफी कुछ सीखने का मौका मिलता है।"
मार्कियो ने कहा कि एक वेटलिफ्टर के तौर पर उन्होंने अब तक जो सफलता हासिल की, उसे देखते हुए उनके गांव और शहर के कई लड़के इस खेल को अपना रहे हैं। मार्कियो का सपना राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में हिस्सा लेना और देश के लिए पदक जीतना है।
यूथ एवं जूनियर नेशनल चैंपियन मार्कियो ने कहा, "भविष्य में मेरा लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में हिस्सा लेना और देश के लिए पदक जीतना है। इसके बाद मैं ओलंपिक का टारगेट रखूंगा। मैं अपने जैसे अधिक से अधिक लड़कों और लड़कियों को इस खेल में आने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं।"