खेलो इंडिया
Khelo India Youth Games; अपने ओलंपिक सपने को संजोते हुए, वेदांत माधवन अपने पसंदीदा खेलो इंडिया यूथ गेम्स में वापस आकर खुश हैं
खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मंगलवार से भोपाल के प्रकाश तरुण पुष्कर में पांच दिवसीय तैराकी की प्रतिस्पर्धा शुरू होने जा रही है
वेदांत माधवन, देश की होनहार तैराकी प्रतिभाओं में से एक और बॉलीवुड सुपरस्टार आर. माधवन के बेटे, खेलो इंडिया के लिए कोई अजनबी नहीं हैं जब उन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 गुवाहाटी में अपने पहले प्रतिस्पर्धी पदकों में से एक 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीता था।
हालांकि मध्य प्रदेश में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मंगलवार से भोपाल के प्रकाश तरुण पुष्कर में पांच दिवसीय तैराकी की प्रतिस्पर्धा शुरू होने जा रही है। 17 वर्षीय वेदांत के लिए यह एक बड़ी चुनौती होने वाली है । पदक तालिका में शीर्ष पर रहने वाले महाराष्ट्र के लिए वेदांत पांच स्पर्धाओं - 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर (सभी फ्रीस्टाइल), 800 मीटर और 1500 में प्रतिस्पर्धा करते नज़र आएँगे। महाराष्ट्र के पास एक मजबूत तैराकी दल है जिसमें अपेक्षा फर्नांडीस भी शामिल हैं जो की केंद्रीय खेल मंत्रालय के टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) की सदस्य भी हैं।
जितना भारतीय मीडिया और बॉलीवुड ने उन्हें अपने पिता के बेटे के रूप में पेश करने की कोशिश की, माधवन परिवार ने बड़ी ही मुश्किल से वेदांत को स्पॉटलाइट से दूर रखा है जिससे की वह अपनी तैराकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपना ओलम्पिक का सपना पूरा कर पाएं । कोविड महामारी के बाद वेदांत अपनी मां सरिता के साथ दुबई चले गए थे। वहां वे पूर्व राष्ट्रीय कोच प्रदीप कुमार के अधीन एक्वा नेशनल स्पोर्ट्स अकादमी में प्रशिक्षण लेते हैं और साथ ही में यूनिवर्सल अमेरिकन स्कूल, दुबई में पढाई करते हैं।
इस स्ट्रैपिंग तैराक ने आज लगभग 45 मिनट तक आयोजन स्थल पर वार्मअप किया और मंगलवार को अपने पहले इवेंट - 200 मीटर - के लिए डुबकी लगाने के लिए पूरी तरह तैयार दिखे। ''खेलो इंडिया मेरे लिए एक पसंदीदा प्रतियोगिता रही है क्योंकि वे हमें किट और जूते प्रदान करते हैं। मैं यहां वापस आकर खुश हूं क्योंकि इन खेलों में मैं प्रतिस्पर्धा कर पाऊंगा " वेदांत ने खेलो इंडिया मीडिया को बताया।
''मुझे वास्तव में आर माधवन का बेटा होने का खिताब पसंद नहीं है। मैं अपनी पहचान बनाना चाहता हूं और मेरे प्रतिस्पर्धी मेरा सम्मान करते हैं कि मैं कौन हूं। दुबई अकादमी में उनके साथ किसी भी विशेष प्रकार का बर्ताव नहीं किया जाता है, वह वहां ओलंपियन सज्जन प्रकाश और तनिश जॉर्ज मैथ्यू जैसे टॉप क्लास तैराकों के साथ प्रशिक्षण लेते हैं।"
बेंगलुरु में 2021 जूनियर एक्वाटिक नेशनल में उन्होंने पहली बार महाराष्ट्र के लिए चौंका देने वाले सात पदक लाकर प्रतिस्पर्धी स्तर पर धूम मचा दी थी - उनमें से चार 800 मीटर फ्रीस्टाइल, 1500 मीटर फ्रीस्टाइल, 4 x 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले और 4 x 200 मीटर फ्रीस्टाइल में रजत रिले इवेंट्स और 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर फ़्रीस्टाइल इवेंट्स में तीन कांस्य पदक शामिल थे।
पिछले साल, वेदांत के करियर ग्राफ ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया जब उन्होंने डेनिश ओपन में भारत के लिए दो अंतरराष्ट्रीय पदक जीते - 800 मीटर फ्रीस्टाइल गोल्ड और 1500 मीटर सिल्वर। दोनों ही स्पर्धाओं में, उन्होंने अपना समय कम करने में कामयाबी हासिल की - 1500 मीटर में 17 सेकंड और 800 मीटर में स्वर्णिम प्रयास में लगभग 11 सेकंड।
''यह काफी संतोषजनक था लेकिन मैं उन्हें ओलंपिक में जगह बनाने के अपने अंतिम लक्ष्य को पूरा करने के लिए छोटे मील के पत्थर के रूप में देखता हूं। वे मुझे महसूस कराते हैं कि मैं धीरे-धीरे बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ रहा हूं,'' उन्होंने पदक के बाद एक साक्षात्कार में कहा।
इस बीच, तैराकी स्पर्धाओं में कर्नाटक की रिधिमा वीरेंद्रकुमार मैदान में दूसरी टॉप एथलीट होंगी