खेलो इंडिया
Khelo India Youth Games: चक दे इंडिया से खेलो इंडिया - केरकेट्टा की कहानी
झारखंड की महिला हॉकी टीम, जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स खेलने के लिए ग्वालियर पहुंच चुकी है, में दो करकेटा हैं। दोनों का नाम रजनी है।
साल 2007 में यशराज फिल्म्स के बैनर तले-चक दे इंडिया- रिलीज हुई थी, जो हॉकी या फिर खेलों पर आधारित भारत की कालजयी फिल्में में से एक है। उस फिल्म में निशा नायर ने सोईमोई करकेटा की भूमिका निभाई थी, जो फ़िल्मी परदे पर झारखंड की खिलाड़ी के तौर पर दिखाई गई हैं। उस फिल्म ने झारखंड में हाकी का नर्सरी माने जाने वाले सिमडेगा की कई लड़कियों को प्रभावित किया था, जिनमें कुछ वास्तविक जीवन की करकेटा हैं।
झारखंड की महिला हॉकी टीम, जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स (मध्य प्रदेश) खेलने के लिए ग्वालियर पहुंच चुकी है, में दो करकेटा हैं। दोनों का नाम रजनी है। दोनों के पिता किसान हैं और दोनों की इच्छा भारत के लिए खेलना है। फर्क बस इतना है कि एक पहली बार और दूसरी पांचवीं हार खेलो इंडिया में हिस्सा ले रही है।
रजनी करकेटा (जूनियर) रांची के पास बरियातू की निवासी है और पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा ले रही है। 14 साल की रजनी इसे लेकर खासी उत्साहित है क्योंकि वह खेलो इंडिया यूथ गेम्स और वहां मिलने वाली सुविधाओं को लेकर बहुत कुछ नहीं जानती।
रजनी करकेटा (जूनियर) ने कहा,- मेरा यह पहला खेलो इंडिया यूथ गेम्स है। मैं इसे लेकर रोमांचित हूं। मैं बरियातू हास्टल में रहती हूं और यहीं प्रैक्टिस करती हूं। मैंने दीदी (सीनियर खिलाड़ियों) से खेलो इंडिया यूथ गेम्स के बारे में काफी कुछ सुना है। मैं वहां खेलने को लेकर रोमांचित हूं।–
दूसरी ओर, रजनी करकेटा (सीनियर) एकलव्य में रहती हैं और अपने पांचवें खेलो इंडिया के लिए ग्वालियर पहुंच चुकी है। वह 2018 से 2021 तक चार बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में खेल चुकी हैं। रजनी ने कहा,-मेरा यह पांचवा खेलो इंडिया है। मैं सिमडेगा से हूं और मेरे पिता किसान हैं। मेरा एक भाई है, वह खेती में मेरे पिता का हाथ बंटाता है।–
रजनी ने बताया कि दिल्ली, पुणे और गुवाहाटी में झारखंड की टीम ने दूसरा स्थान हासिल किया था। पंचकूला में टीम को कांस्य मिला था। रजनी ने कहा,- हमें अब तक तीन रजत और एक कांस्य मिला है। मैंने पंचकूला में 8 गोल किए थे। मैं टूर्नामेंट की शीर्ष हॉकी खिलाड़ी बनीं थी।–
रजनी ने बताया कि उन्होंने तब खेलना शुरू किया जब वह चौथी कक्षा में थी और 2022 में रांची एक्सेलेंसी अकादमी में शामिल हो गई, जिसे खिलाड़ी बोलचाल की भाषा मे एकलव्य अकादमी कहते हैं। रजनी ने कहा कि उनके पिता उसके हॉकी खेलने के लिए प्रेरणा के मुख्य स्रोत हैं। रजनी ने यह भी कहा कि भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को अपना आदर्श मानती हैं।
सब-जूनियर, जूनियर और बीते साल केरल में सीनियर नेशनल्स खेल चुकीं रजनी ने कहा,- रानी दीदी मेरी आदर्श हैं। मैं उनकी तरह बनना चाहती हूं। देश के लिए खेलना मेरा सपना है और मैं अपने परिवार के लिए सम्मान हासिल करना चाहती हूं।–
खेलो इंडिया यूथ गेम्स को लेकर रजनी ने कहा कि यह नए खिलाड़ियों के लिए एक उपयोगी प्लेटफार्म है, जहां इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की व्यवस्था के अंदर मुकाबले होते हैं। रजनी ने कहा,- यह मेरा पांचवां खेलो इंडिया यूथ गेम्स है। मैंने हर बार इसमें बदलाव देखा है। दिल्ली से पंचकूला तक के सफर में काफी कुछ बदला है। खिलाड़ियों को इसके जरिए एक्पोजर मिलता है और वे एक दूसरे को अच्छी तरह जान पाते हैं।–
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पांचवें संस्करण का आय़ोजन इन दिनों मध्य प्रदेश में हो रह है। इस साल वाटर स्पोर्ट्स को नए खेल के रूप में इसमें शामिल किया गया है। साथ ही पांच पारंपरिक खेल में भी इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। इनमें मध्य प्रदेश का राजकीय खेल मलखंभ भी है। मप्र के 8 शहरें और नई दिल्ली में हो रहे 27 खेलों में 6000 से अधिक खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैं।