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कबड्डी

प्रो कबड्डी सीज़न-7: 3 टीम जिनके लिए प्ले-ऑफ़्स का टिकेट हासिल करना बेहद मुश्किल है

प्रो कबड्डी सीज़न-7: 3 टीम जिनके लिए प्ले-ऑफ़्स का टिकेट हासिल करना बेहद मुश्किल है
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Syed Hussain

Published: 23 Sep 2019 8:31 AM GMT

रविवार को जयपुर में खेले गए जयपुर पिंक पैंथर्स और बंगाल वॉरियर्स के मैच के नतीजे ने तमिल थलाइवाज़ को आधिकारिक तौर पर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया है। प्ले-ऑफ़्स की रेस से बाहर होने वाली तमिल इस सीज़न की पहली टीम बन गई है। जबकि दबंग दिल्ली और बंगाल वॉरियर्स ने प्ले-ऑफ़्स का टिकेट हासिल कर लिया है।

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तमिल थलाइवाज़ के साथ साथ कुछ और बड़ी टीमें भी क़तार में खड़ी हैं जिनके लिए अगले दौर में जाने की उम्मीदें बेहद कम हैं।

(सारे आंकड़े रविवार को खेले गए मैच नंबर-103 तक के हैं)

#1 गुजरात फ़ॉर्च्यूनजाएंट्स

गुजरात 18 मैचों में 39 अंकों के साथ है 9वें स्थान पर

इस फ़ेहरिस्त में गुजरात जैसी मज़बूत टीम का नाम आना सभी के लिए चौंकाने वाला है, लगतार दो बार रनर अप रही गुजरात फ़ॉर्च्यूनजाएंट्स की हालत इस बार बेहद दयनीय है। गुजरात ने अब तक 18 मैचों में सिर्फ़ 5 मैच जीते हैं, जबकि दो मुक़ाबला टाई रहा था। मनप्रीत सिंह की कोचिंग वाली इस टीम के अभी 39 अंक हैं, और 4 मैच इन्हें खेलने बाक़ी हैं, मतलब यहां से एक और हार गुजरात के आगे के दरवाज़े बंद कर सकती है।

...तो इस तरह सितारों से सजी तमिल थलाइवाज़ का आगे का रास्ता हो गया बंद

#2 तेलुगू टाइटन्स

तेलुगू 16 मैचों में 33 अंकों के साथ है 11वें स्थान पर

एक और ऐसी टीम जिससे काफ़ी उम्मीदें थी, टीम की कमान ईरान के मज़बूत डिफ़ेंडर अबुज़ार के कंधों पर है। तो इस टीम में विशाल भारद्वाज जैसा दिग्गज डिफ़ेंडर भी और साथ ही सीज़न-6 की सनसनी सिद्धार्त देसाई भी इस टीम में हैं। लेकिन इसके बावजूद तेलुगू अभी 11वें नंबर पर क़ायम है, हालांकि तेलुगू के पास अभी 6 मैच और हैं। लेकिन इनमें से तेलुगू ने अगर एक से ज़्यादा हारे तो फिर उनके लिए तमिल थलाइवाज़ की तरह प्ले-ऑफ़्स से हाथ धोना पड़ेगा।

#3 पुनेरी पलटन

पुनेरी 18 मैचों में 42 अकों के साथ है 8वें स्थान पर

अनूप सिंह पहली बार इस सीज़न में एक नए रोल में नज़र आ रहे हैं और पुनेरी पलटन की कोच हैं। अनूप ने अपनी तरफ़ से इस टीम से बेहतर कराने की हर मुमकिन कोशिश की है। लेकिन फिर भी नतीजा वह नहीं निकल पा रहा जिसकी उम्मीदें इस टीम से की गईं थी। पुनेरी की सबसे बड़ी कमज़ोरी है कि ये टीम पूरे मैच में बढ़त बनाए रखने के बावजूद आख़िरी कुछ लम्हों में बिखर जाती है और मैच गंवा बैठती है। इसी का नतीजा है कि 18 मैचों में से पुनेरी ने सिर्फ़ 6 जीते हैं और फ़िलहाल 42 अंकों के साथ 8वें नंबर पर है, अगर आगे के सभी 4 मैच पुनेरी ने जीत लिए तभी उनके अगले दौर की उम्मीदें ज़िंदा रहेंगी।

इनके अलावा पटना पायरेट्स और जयपुर पिंक पैंथर्स पर भी तलवार लटकी हुई है, इन टीमों को भी आगे की एक हार उम्मीदों पर विराम लगाने के लिए काफ़ी है।

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