हॉकी
राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य जीतने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी निशा के आत्मविश्वास में हुआ इजाफा, बोली यह पदक हमेशा रहेगा विशेष
राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रचने वाली महिला टीम ने 16 साल का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक देश को दिलाया हैं। मिडफील्डर की भूमिका में 27 वर्षीय निशा ने टीम और अपने करियर के लिए मेडल के महत्व को लेकर जज्बात उजागर किए।
बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी निशा ने कहा यह पदक हासिल करने के बाद उनका आत्मविश्वास में खासा इजाफा हुआ हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रचने वाली महिला टीम ने 16 साल का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक देश को दिलाया हैं। मिडफील्डर की भूमिका में 27 वर्षीय निशा ने टीम और अपने करियर के लिए मेडल के महत्व को लेकर जज्बात उजागर किए।
निशा ने कहा,"राष्ट्रमंडल पदक मेरे लिए हमेशा विशेष रहेगा। मेरा हमेशा से सपना था कि मैं राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनूं। हमने ओलंपिक और कामनवेल्थ गेम्स में हमेशा अच्छे प्रदर्शन पर पूरा ध्यान केंद्रित किया और हमें खुशी है कि टीम को उसका प्रतिफल बर्मिंघम में जीत के रूप में मिला। हमारी टीम लगातार मजबूत हो रही है और उसके इरादे भी फौलादी हैं। हम एक इकाई के रूप में भविष्य में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।"
उन्होंने कहा,"राष्ट्रमंडल खेलों के बाद मेरा मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। राष्ट्रमंडल खेलों में मुझे गजब की अनुभूति हुई। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कांस्य हासिल करने वाली टीम का हिस्सा बनी। मैं और कड़ी मेहनत कर रही हूं और खुद को भविष्य में होने वाले टूर्नामेंट के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार कर रही हूं।"
बता दें भारतीय महिला हॉकी टीम बेंगलुरु में 29 अगस्त को साई में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय शिविर में वापसी करेगी।
निशा ने कहा,"राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान हमने अपनी गलतियों को नोटिस किया और प्रशिक्षण शिविर में हमारा फोकस उन गलतियों को सुधारने की तरफ होगा। मैं महसूस करती हूं कि टीम सही दिशा में जा रही है। भविष्य के टूर्नामेंट में अगर हम पूरी क्षमता से खेले, तो हम स्वर्ण के हकदार होंगे।"