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हॉकी के सुनहरे दिनों को वापस लाने के लिए खेल को स्कूलों तक ले जा रहा है हॉकी इंडिया का स्कूल एक्टिवेशन प्रोग्राम

हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 भुवनेश्वर-राउरकेला से पहले युवाओं को हॉकी की ओर आ​कर्षित करने के लिए, हॉकी इंडिया एक स्कूल एक्टिवेशन प्रोग्राम का आयोजन कर रहा है

हॉकी के सुनहरे दिनों को वापस लाने के लिए खेल को स्कूलों तक ले जा रहा है हॉकी इंडिया का स्कूल एक्टिवेशन प्रोग्राम
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The Bridge Desk

Updated: 6 Dec 2022 3:11 PM GMT

हॉकी आजादी के बाद से भारत के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक रहा है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के 2020 टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने के बाद से नए फैंस और युवा इस खेल की ओर आकर्षित हुए हैं जिन्होंने कई ​वर्षों तक भारत को शीर्ष स्तर पर सफलता हासिल करते हुए नहीं देखा।

फैंस एवं खिलाड़ियों की नई पीढ़ी को ध्यान में रखकर सफलता की उसी लय को बरकरार रखने के लिए एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 भुवनेश्वर-राउरकेला से पहले हॉकी इंडिया इस खेल को अपने स्कूल एक्टिवेशन प्रोग्राम के जरिए विभिन्न स्कूलों तक ले जा रहा है।

हॉकी इंडिया की एक टीम इस कार्यक्रम के तहत आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश के 100 स्कूलों में जाएगी और एक सामान्य हॉकी स्किल्स सेशन का आयोजन करेगी। इसके बाद, फाइव—ए—साइड प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा जिससे बच्चों को हॉकी स्टिक पकड़ने के लिए मोटिवेट किया जा सके। प्रत्येक स्कूल के प्रधानाचार्य को उनके प्रयासों और योगदान के लिए एक स्पेशल मोमेंटो भी दिया जाएगा।


यह अभियान 6 दिसंबर 2022, मंगलवार को मध्य प्रदेश के पांच क्षेत्रों - नर्मदापुरम, उज्जैन, इंदौर, भोपाल और जबलपुर में शुरू हुआ। स्कूल अभियान के पहले दिन लगभग 500 से ज्यादा बच्चों ने भाग लिया।

स्कूल एक्टिवेशन प्रोग्राम को आने वाले हफ्तों में अन्य राज्यों में भी ले जाया जाएगा।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ दिलीप टिर्की ने इस कार्यक्रम पर बात करते हुए कहा, "इस कार्यक्रम के पीछे हमारा मकसद युवाओं को यह अनुभव करने का अवसर देना है कि हॉकी खेलकर कैसा लगाता है और इसमें कितना मज़ा आता है। इसका उद्देश्य उनकी रुचि को जगाना भी है क्योंकि इनमें से कुछ छात्र पेशेवर रूप से हॉकी खेलने जा सकते हैं या खेल के अगले स्टार खिलाड़ियों के रूप में विकसित हो सकते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "ये बच्चे भारतीय खेलों का भविष्य हैं। यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे इस बात से अवगत हों कि हॉकी कैसे खेली जाती है और देश के लोगों के लिए पारंपरिक रूप से इस खेल के क्या मायने हैं।"

मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री इंदर सिंह परमारने कहा, "हमें बेहद खुशी है कि हॉकी इंडिया युवाओं के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए ये पहल कर रहा है। हम यह मानते हैं कि इस कार्यक्रम से कई बच्चों को लाभ होगा क्योंकि इससे वे ना सिर्फ खेल के बारे में सीखेंगे बल्कि इसमें उनकी रूचि भी बढ़ेगी जिससे भविष्य में राज्य से कई स्टार खिलाड़ी निकलेंगे।"

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