हॉकी
विश्व कप में मिली निराशाजनक हार के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतना था एकमात्र लक्ष्य- हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे
भारतीय महिला हॉकी टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में हुए मुकाबले के पेनल्टी शूटआउट में न्यूजीलैंड को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था।

बर्मिघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक हासिल कर चुकी भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रतिभाशाली और दमदार मिडफील्डर खिलाड़ी सलीका टेटे ने अपनी टीम की इस कामयाबी के बाद कहा कि एफआईएच विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में उनकी टीम का एकमात्र लक्ष्य पदक जीतना था, जो की उन्होंने हासिल कर लिया हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में हुए मुकाबले के पेनल्टी शूटआउट में न्यूजीलैंड को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके साथ ही स्पेन और नीदरलैंड में हुए विश्व कप में भारतीय टीम 9वें स्थान पर रही थी।
हॉकी ते चर्चा कार्यक्रम के दौरान झारखंड की रहने वालीं सलीमा टेटे ने कहा," एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद टीम का लक्ष्य स्पष्ट था, हमें बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करना ही था। कोई और विकल्प नहीं था।" उन्होंने कहा,"हमें पता था कि भारत लौटने से पहले हमें पदक लेना है, जिसके लिए कुछ तो करना ही था।"
20 साल की सलीमा ने आगे कहा,"भारत के लिए खेलने ने मेरी जिंदगी बदल दी। इसने मुझे सब कुछ दिया, मैं देश के लिए खेलते रहना चाहती हूं।" उन्होंने कहा कि बर्मिंघम से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात काफी प्रेरक रही।
उन्होंने कहा,"मेरी जैसी किसी भी खिलाड़ी के लिए प्रधानमंत्री से मिलना बड़ी बात है, हमें इससे काफी प्रेरणा मिली जो आगे कड़ी मेहनत करने और अच्छे नतीजे लाने के लिए उत्साहवर्धन करेगी।"
बता दें कि 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की झोली में कुल 61 पदक डाले थे।