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हॉकी

Commonwealth Games 2022: पहली बार स्वर्ण पदक जीतना चाहेगी भारतीय पुरूष हाॅकी टीम, कंगारुओं से मिलेगी टीम को कड़ी चुनौती

भारतीय पुरूष हाॅकी टीम पिछले कुछ समय से लगातार अच्छे फॉर्म में चल रही है

Commonwealth Games 2022: पहली बार स्वर्ण पदक जीतना चाहेगी भारतीय पुरूष हाॅकी टीम, कंगारुओं से मिलेगी टीम को कड़ी चुनौती
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Amit Rajput

Published: 19 July 2022 1:38 PM GMT

भारतीय पुरूष हाॅकी टीम पिछले कुछ समय से लगातार अच्छे फॉर्म में चल रही है। टीम ने पिछले कुछ प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर अपने फॉर्म का नमूना भी पेश किया था। टीम ने पिछले साल ओलंपिक में भी 4 दशक के पदकों के सूखे को खत्म कर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। टीम अपने इस जबरदस्त फॉर्म को आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में भी जारी रखना चाहेगी और खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहेगी।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत हाॅकी टीम आस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के कोचिंग नेतृत्व में उतरने वाली है। टीम ने पिछले कुछ समय में उनके नेतृत्व में अंदर अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम को राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा चुनौती आस्ट्रेलिया से मिलने वाली है। जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक सभी छह स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया है। वही टीम को आस्ट्रेलिया के अलावा चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से भी कड़ी चुनौती मिलने वाली है। जिसके लिए भी भारतीय टीम को पहले से तैयार रहना होगा। टीम ग्रुप बी में इंग्लैंड, कनाडा, वेल्स और घाना के साथ है जबकि पूल ए में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और स्कॉटलैंड शामिल हैं।

खेलों में स्पर्धा की तैयारियों को लेकर कोच रीड ने कहा, ''इन खेलों में क्या होगा इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है लेकिन कुछ भी हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी में टीमों के बीच का अंतर काफी कम है।'' वही कोच ने आगे कहा, ''जो चीज हमारे नियंत्रण में नहीं है, उस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हम अपनी चीजों को सुधार सकते हैं।''

आगामी राष्ट्रमंडल खेल भारत के दिग्गज गोलकीपर श्रीजेश के लिए अंतिम होगें। वें इसको यादगार बनाना चाहेंगे। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर और आस्ट्रेलिया की चुनौती को लेकर कहा, ''यह निश्चित रूप से मेरा आखिरी राष्ट्रमंडल खेल होगा और मैं स्वर्ण पदक के लिए बेताब हूं। ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि अब तक सभी स्वर्ण जीते हैं, लेकिन इस टीम में ऑस्ट्रेलिया को मात देने की क्षमता है। हमने उन्हें अतीत में भी हराया है।''

वही टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह को भी लगता है कि भारत के पास स्वर्ण पदक जीतना का एक शानदार मौका है। जिसको लेकर उन्होंने कहा, ''टोक्यो और प्रो लीग में दमदार प्रदर्शन के बाद यह टीम आत्मविश्वास से भरी हुई है। उन्हें बस मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की जरूरत है, अगर वे अपनी क्षमता से खेलते हैं, तो कुछ भी हो सकता है।''

बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि क्या भारतीय हाॅकी टीम अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 (दिल्ली) और 2014 (ग्लास्गो) में रजत पदक जीतने से और बेहतरीन प्रदर्शन कर पाती है या नहीं। या फिर एक बार वापस से आस्ट्रेलिया की टीम शानदार प्रदर्शन कर सबको शिकस्त देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा पाती है।

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