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पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी श्यामल घोष का कोलकाता में निधन

1970 के दशक के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में से एक होने के अलावा, वह अपने विनम्र शिष्टाचार के लिए जाने जाते थे

पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी श्यामल घोष का कोलकाता में निधन
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Bikash Chand Katoch

Published: 4 Jan 2023 12:05 PM GMT

1970 के दशक में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी श्यामल घोष का बीमारी के कारण 71 वर्ष की आयु में मंगलवार, 3 जनवरी को कोलकाता में निधन हो गया। श्री घोष 70 और 80 के दशक में भारत के सबसे कुशल रक्षक माने जाते थे।। श्यामल घोष ने 1974 में मर्डेका कप में थाईलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और 1974 के एशियाई खेलों में भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।

घरेलू स्तर पर, फुटबॉलर श्यामल घोष ने ईस्ट बंगाल और मोहन बागान दोनों का प्रतिनिधित्व किया। कोलकाता लीग, आईएफए शील्ड, डूरंड कप और रोवर्स कप सहित कई ट्राफियां जीतीं। श्यामल घोष ने ईस्ट बंगाल के लिए अधिक सफलता हासिल की, जहां उन्होंने अपने करियर के सात मैच 1977 के सत्र में टीम की कप्तानी करते हुए बिताए।

इसके साथ ही घोष को संतोष ट्रॉफी में भी सफलता मिली। उन्होंने 5 बार इस ट्रॉफी में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया और 1975, 1976 और 1977 में तीन बार टीम को खिताब जिताने में मदद की। उन्हें 2016 में ईस्ट बंगाल द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी नवाजा गया।

1970 के दशक के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में से एक होने के अलावा, वह अपने विनम्र शिष्टाचार के लिए जाने जाते थे, और जीवन भर मैदान पर और बाहर एक सज्जन व्यक्ति बने रहे।

इसी बीच, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने बुधवार को श्री घोष के निधन पर शोक व्यक्त किया।

एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, "श्यामल दा का निधन भारतीय फुटबॉल के लिये बड़ा झटका है। वह 1970 के दशक के सबसे अच्छे फुटबॉलरों में से एक होने के अलावा अपने बेमिसाल शिष्टाचार के लिये जाने जाते थे। वह अपने पूरे जीवन के दौरान मैदान के अंदर और बाहर एक शिष्ट व्यक्ति बनकर रहे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।"

एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा, "श्यामल घोष अपने नायाब कौशल के कारण युवा डिफेंडरों के लिये एक आदर्श थे। हम सभी उनके निधन से बेहद दुखी हैं। यह पूरी भारतीय फुटबॉल बिरादरी के लिये बड़ा झटका है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। परमेश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।"

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