फुटबॉल
महान भारतीय फुटबॉलर तुलसीदास बलराम अस्पताल में भर्ती
तुलसीदास बलराम ने जकार्ता 1962 एशियाई खेलों में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी
जकार्ता 1962 एशियाई खेलों में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले देश के दिग्गज फुटबॉलरों में से एक तुलसीदास बलराम को मूत्र संक्रमण और पेट की समस्या के कारण कोलकाता के एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा उन्होंने 1960 रोम ओलंपिक में तीन गोल दागे थे। बलराम ने हंगरी और पेरू के खिलाफ गोल किए थे। हालांकि, टीम इंडिया ग्रुप दौर से आगे नहीं बढ़ पाई थी।
जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने के लिए भारतीय टीम ने दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराया था। एशियाई खेलों के फुटबॉल स्पर्धा में भारत की दूसरी खिताबी जीत थी और इस उपलब्धि को तब से दोहराया नहीं गया है। भारत 1951 में अपनी मेजबानी में भी स्वर्ण जीता था। वहीं, 1970 में उसे कांस्य पदक मिला था। उसके बाद से भारतीय टीम एक भी पदक नहीं जीत पाई।
1936 में सिकंदराबाद (तत्कालीन हैदराबाद प्रदेश) में जन्मे बलराम ने हैदराबाद सिटी पुलिस और ईस्ट बंगाल जैसे क्लबों के लिए अपना जलवा दिखाया। उन्होंने भारत के लिए 27 मैच खेले, जिसमें 10 गोल भी दागे। वह भारतीय फुटबॉल की सुनहरी पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जहां चुन्नी गोस्वामी और पीके बनर्जी के साथ मिलकर उन्होंने भारत की सबसे यादगार तिकड़ी बनाई, जिसे 'होली ट्रिनिटी' के नाम से याद किया जाता है। भारत के महान फुटबॉलरों में शामिल और बलराम के इन दोनों साथियों का 2020 में निधन हो गया था।
अस्पताल द्वारा गुरुवार को जारी एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि बलराम को 26 दिसंबर को भूख नहीं लगने, पेट फूलने और मूत्र संक्रमण की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने कहा कि भारत के सबसे दिग्गज स्ट्राइकरों में से एक माने जाने वाले बलराम डॉक्टरों की एक टीम की देखरेख में हैं। 1950-60 के दशक में भारत में फुटबॉल को लोकप्रिय बनाने वालों में अहम भूमिका निभाने वाले बलराम के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी के बाद पश्चिम बंगाल सरकार भी हरकत में आ गई। प्रदेश के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने उनकी देखभाल का भरोसा दिया और बीमार पूर्व फुटबॉलर से मुलाकात कर उनसे भी हर संभव मदद का वादा किया।