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फुटबॉल

फीफा ने लिया फैसला, फुटबॉल में 'ऑफ साइड' फैसलों के लिए नई तकनीक

गेंद में एक 'सेंसर' लगा होगा जिससे स्टेडियम की स्क्रीन पर तुरंत ही त्रि-आयामी छवियां दिखेंगी जिससे दर्शकों को रेफरी के फैसले को समझ पाने में मदद मिलेगी

new high technology for offside calls
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 फुटबॉल में 'ऑफ साइड' फैसलों के लिए नई तकनीक 

By

Shivam Mishra

Updated: 1 July 2022 3:09 PM GMT

फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) इस साल कतर में होने वाले वर्ल्ड कप में 'ऑफ साइड' फैसलों को बेहतर करने के लिए नई तकनीक शुरू करने जा रहा है जिसमें 'लिंब-ट्रैकिंग कैमरा' (खिलाड़ियों के पैरों पर नजर रखने वाली तकनीक) प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। शुक्रवार को फीफा ने कहा कि उसने 'सेमी-ऑटोमेटिड ऑफसाइड' तकनीक लांच करने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है इस तकनीक से कई कैमरे खिलाड़ी के मूवमेंट पर नजर रखते हैं।

इसके अलावा साथ ही गेंद में एक 'सेंसर' लगा होगा जिससे स्टेडियम की स्क्रीन पर तुरंत ही त्रि-आयामी छवियां दिखेंगी जिससे दर्शकों को रेफरी के फैसले को समझ पाने में मदद मिलेगी। बता दें यह लगातार तीसरा विश्व कप होगा जिसमें फीफा ने रेफरी की मदद के लिए नई तकनीक शुरू की है।

2010 के फीफा में कई रायफरियों से काफी गलतियां हुई थीं, जिसके बाद ब्राजील में 2014 टूर्नामेंट के लिये 'गोल लाइन' तकनीक तैयार की गई। इसके बाद फिर से 2018 में वीडियो 'रिव्यू' लाया गया जिससे कई बार रैफरी को मैच का रुख बदलने वाली घटनाओं पर फैसला करने में काफी मदद मिलती रही है।

अब इस नई 'ऑफ साइड' प्रणाली से वीडियो सहायक रैफरी प्रणाली की तुलना में बेहद सटीक और जल्दी फैसला आएगा। हालांकि 2018 विश्व कप में ऑफसाइड की ज्यादा बड़ी गलतियां देखने को नही मिली थीं।

वहीं इस तकनीक को लेकर फीफा के 'रैफरिंग' कार्यक्रम की अगुआई करने वाले और 2002 वर्ल्ड कप फाइनल में काम कर चुके पिएरलुईजी कोलिना ने कहा कि ये उपकरण काफी सटीक है, इसमें शायद और सुधार हो सकता है।

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