फुटबॉल
FIFA U-17 World Cup: लगातार दो हार के बाद ब्राजील के खिलाफ कड़े मुकाबले में उतरेगी भारतीय महिला टीम
भारत को ग्रुप ए के अपने दूसरे मुकाबले में मोरक्को से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। जिससे टीम टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण की दौड़ से बाहर हो गई
फीफा अंडर 17 महिला विश्व कप में भारतीय टीम को मिली दो हार के बाद अब भारत का तीसरे मुकाबले में सामना ब्राजील की टीम से होने वाला हैं। जहां भारतीय महिला टीम अपने अच्छे प्रदर्शन की पूरी कोशिश करेगी। हालाकि ब्राजील जैसी मजबूत टीम से जीतना भारत के लिए कड़ी चुनौती है, लेकिन इस मुकाबले से भारतीय टीम को सीखने का मौका जरूर मिलेगा।
मेजबान भारत पहले ही टूर्नामेंट के नॉकआउट की दौड़ से बाहर हो चुका है, ऐसे में ब्राजील से मैच एक सीख साबित हो सकता हैं। भारत ने शुक्रवार को ग्रुप ए के अपने दूसरे मुकाबले में मोरक्को से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। जिससे टीम टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण की दौड़ से बाहर हो गई। मोरक्को से पहले अपने पहले मुकाबले में भारत ने अमेरिका से हार झेली थी। जहां अमेरिका की टीम ने भारतीय टीम को 8-0 से हराते हुए बड़ी जीत हासिल की थी।
लगातार दो हार के बाद टीम को समझ आ गया है कि उसे अभी और काम करने की जरूरत हैं। मुख्य कोच थॉमस डेनरबी का मानना है कि उनकी टीम तकनीकी रूप से उम्मीद के मुताबिक नहीं खेल पाई। डेनरबी चाहते हैं कि उनकी खिलाड़ी जब अपने अंतिम मैच में ब्राजील के खिलाफ उतरें तो वे आक्रमण करते हुए अधिक आत्मविश्वास दिखाएं।
हालाकि डेनरबी ब्राजील टीम की मजबूती को जानते है लेकिन उन्हें यह भी लगता है कि उनकी खिलाड़ी मैदान पर खुद को साबित करने में सक्षम हैं।
डेनरबी ने कहा, "हमें डिफेंस पर बहुत ध्यान देना होगा लेकिन हम यह भी जानते हैं कि फुटबॉल केवल डिफेंस नहीं है। टूर्नामेंट में गोल करना हमारे लिए अच्छा होगा।"
उन्होंने कहा, "ब्राजील एक अच्छी टीम है। और हम यह भी जानते हैं कि ब्राजील नॉकआउट चरण में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए चुनौती पेश कर रहा है इसलिए मुझे लगता है कि वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"
बता दें भारत की सीनियर राष्ट्रीय महिला टीम पिछले नवंबर में ब्राजील के खिलाफ खेली थी और उसे 1-6 से हार का सामना करना पड़ा था। इसको लेकर कोच ने कहा,"ब्राजील के सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों की खेल शैली में समानता है। इस टीम की खेलने की शैली उनकी समान है। बेशक वे अभी तक उतने कुशल नहीं हैं लेकिन जब आप 17 साल के हो जाते हैं तो यह सामान्य है। मैं कहूंगा कि युवा टीम के खिलाफ खेलना और भी कठिन है क्योंकि एक सीनियर टीम में आपके पास है अपने देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होते हैं।"
उन्होंने आगे कहा,"जब आप आयु वर्ग के टूर्नामेंट में खेलते हैं तो आपको एक विशेष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को ही चुनना होता है।"
कोच ने कहा, "ब्राजील में वे बहुत कम उम्र से फुटबॉल खेलना शुरू कर देते हैं जो एक बहुत बड़ा फायदा है। लेकिन उम्मीद है कि हम कल उन्हें दिखा सकते हैं कि भारत में हमारे पास भी अच्छी शुरुआती एकादश है।"