फुटबॉल
FIFA U-17 Women's World Cup: पहले मैच में 0-8 से हारा भारत
ग्रुप ए के इस एकतरफा मुकाबले के शुरूआती आधे घंटे के अंदर ही भारतीय टीम 4 गोल से पिछड़ गयी थी

भारतीय महिला अंडर-17 टीम
भारत की फीफा महिला अंडर-17 वर्ल्ड कप में शुरुआत बेहद खराब रही। भारतीय महिला टीम को टूर्नामेंट में उसके पहले ही मैच में 8 गोल से करारी हार झेलनी पड़ी। ग्रुप ए के इस एकतरफा मुकाबले के शुरूआती आधे घंटे के अंदर ही भारतीय टीम 4 गोल से पिछड़ गयी थी। मध्यांतर तक अमेरिका 5-0 से आगे था। टीम ने दूसरे हाफ में तीन और गोल करके घरेलू दर्शकों के सामने भारतीय टीम को उसके खेल के स्तर से परिचित करवाया।
कोंकाकैफ (उत्तरी एवं मध्य अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र) चैम्पियन टीम के लिए इस मैच में मेलिना रेबिम्बास ने (9वें और 31वें मिनट) दो गोल किये जबकि शार्लेट कोहलर (15वां), ओनेका गेमेरो (23वां), गिसेले थॉम्पसन (39वां), ईला इमरी (51वां), टेलर सुआरेज (59वां मिनट) और कप्तान मिया भूटा (62वां मिनट) ने एक-एक गोल किया।
भारत के मुख्य कोच थॉमस डेनरबी ने मैच से पहले कहा था कि फरवरी से अच्छी तैयारी करने के बाद उनकी टीम के खिलाफ गोल करना मुश्किल होगा। मैच के दौरान हालांकि उनके खिलाड़ी कहीं से प्रतिद्वंद्वी टीम को टक्कर देते नहीं दिखे। घरेलू दर्शकों के सामने महिला विश्व कप में देश का पहला मैच एक बुरा सपना साबित हुआ।
भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार फीफा महिला अंडर-17 वर्ल्ड कप 2022 की ओपनिंग सेरेमनी में हिस्सा लिया। वहीं इसके बाद उन्होंने भारत और अमेरिका का मुकाबला भी देखा। वहीं भारत में पहली बार हो रहे फीफा वल्ड कप को लेकर खेल मंत्री ने कहा "भारतीय खेलों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण क्योंकि भारत पहली बार फीफा #U17WWC की मेजबानी कर रहा है। मेरा दिल गर्व से भर गया है क्योंकि हमारी अंडर-17 महिला फुटबॉल खिलाड़ी अपने पहले फीफा विश्व कप मैच के लिए तैयार हैं। मैं पूरे देश से एक साथ आने का आग्रह करता हूं और हमारी लड़कियों जय हिंद का समर्थन करें।"
बता दें कि भारत की अमेरिका के हाथों मिली 0-8 की हार भारत की अंडर 17 महिला फुटबॉल के लिए अब तक की सबसे बड़ी हार है। वहीं अमेरिका की फीफा महिला अंडर-17 वर्ल्ड कप में अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस जीत के साथ ही अमेरिका की टीम ग्रुप ए में टॉप पर पहुंच गई है जबकि भारतीय टीम ग्रुप के अंतिम स्थान पर आ गई।
मेजबान के आधार पर इस आयु-वर्ग के टूर्नामेंट में जगह बनाने वाली भारतीय टीम को 2008 में इसके शुरुआती सत्र की उपविजेता के खिलाफ रक्षापंक्ति के लचर खेल का खामियाजा भुगतना पड़ा।
मैच में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले हाफ में अमेरिका ने 70 प्रतिशत समय तक गेंद को अपने नियंत्रण में रखा। भारतीय टीम केवल दो बार अमेरिका की रक्षापंक्ति को भेद पाई लेकिन एक बार भी उनके खिलाड़ियों का शॉट गोल-पोस्ट के पास नहीं पहुंचा। भारत को अब 14 अक्टूबर को मोरक्को और 17 अक्टूबर को ब्राजील के खिलाफ खेलना है।