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एटीके मोहन बागान एक जून से मोहन बागान सुपर जायंट कहलायेगा

एटीके मोहन बागान एक जून से मोहन बागान सुपर जायंट कहलायेगा
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Bikash Chand Katoch

Updated: 17 May 2023 3:24 PM GMT

मोहन बागान के हितधारकों ने प्रशंसकों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर बुधवार को घोषणा की कि वे शहर के 133 साल पुराने इस दिग्गज फुटबॉल क्लब के नाम से एटीके उपसर्ग हटा देंगे।

यह क्लब मुख्य रूप से आरपी संजीव गोयनका (आरपीएसजी) समूह के स्वामित्व में है। एक जून से इसे मोहन बागान सुपर जायंट के नाम से जाना जाएगा। गोयनका समूह ने इस मामले में अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी का अनुसरण किया है। इस फ्रेंचाइजी की आईपीएल टीम का नाम लखनऊ सुपर जायंट्स है। उनकी पिछली आईपीएल टीम को पुणे सुपर जायंट्स के नाम से जाना जाता था।

मोहन बागान क्लब ने बताया, ‘‘आज हुई बोर्ड बैठक के बाद, क्लब का नाम एक जून 2023 से मोहन बागान सुपर जायंट (एमबीएसजी) होगा।’

क्लब की ओर से आधिकारिक पुष्टि मार्च की उस घोषणा के बाद हुई जब फ्रैंचाइजी के प्रमुख मालिक संजीव गोयनका ने आईएसएल 2022-23 के फाइनल में बेंगलुरू एफसी को हराने के बाद कहा था कि क्लब ने एटीके उपसर्ग को अपने नाम से हटाने का फैसला किया है।

दो बार की चैम्पियन एटीके को पहले मैड्रिड स्थित स्पेन की दिग्गज क्लब की साझेदारी के कारण एटलेटिको डी कोलकाता के रूप में जाना जाता था। एटलेटिको मैड्रिड ने हालांकि तीन साल के बाद अपनी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी आरपीएसजी समूह को बेच दी। इसके बाद से इस टीम को एटीके के नाम से जाना जाता था।

आरपीएसजी समूह ने इंडियन सुपर लीग के 2020-21 सत्र से पहले मोहन बागान में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद कर एटीके और मोहन बागान दोनों क्लबों का विलय कर दिया था। एक जून 2020 से एटीके मोहन बागान अस्तित्व में आया था।

प्रशंसकों को हालांकि यह नाम पसंद नहीं आया था और टीम जब भी साल्ट लेक स्टेडियम में खेलती थी तब वे बैनर लेकर एटीके नाम हटाने की मांग करते थे।

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