फुटबॉल
एआईएफएफ ने 80 हजार रुपए मासिक वेतन पर 50 पेशेवर रेफरी रखने की बनाई योजना
एआईएफएफ यह सुनिश्चित करना चाहता है कि रेफरी को आजीविका के लिए किसी और काम का सहारा ना लेना पड़े।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने एक बड़ा निर्णय लेने की तैयारी में है, जिसके तहत देश में रेफरी के स्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से अनुबंध के आधार पर 50 रेफरी नियुक्त करने के साथ ही उन्हें 50 से 80 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जायेगा। एआईएफएफ यह सुनिश्चित करना चाहता है कि रेफरी को आजीविका के लिए किसी और काम का सहारा ना लेना पड़े।
इस निर्णय को लेकर एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, "रेफरी के स्तर में तभी सुधार किया जा सकता है जब भारतीय रेफरी अपने परिवार को चलाने के लिए पर्याप्त कमाई कर सके और इस पेशे को पूर्णकालिक काम की तरह करे।"
उन्होंने कहा, "आईएसएल, आई-लीग या संतोष ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों में रेफरी के गलत फैसले से जुड़ी शिकायतें मिलती रही हैं। इससे टीमों का प्रदर्शन प्रभावित होता है। मौजूदा समय में रेफरी का पारिश्रमिक बहुत कम है।"
कल्याण चौबे के मुताबिक राज्य लीग में एक रेफरी को 2500 से 5000 रुपये और राष्ट्रीय लीग में 8000 से 10,000 रुपये तक मिलते हैं। यह सालाना ढाई लाख से तीन लाख रुपये होते हैं जो आजीविका चलाने के लिए काफी कम हैं। हमने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तय किया है कि 50 रेफरी नियुक्त किए जाएंगे। उनमें से प्रत्येक को 50 से 80,000 हजार रुपये प्रति माह का वेतन दिया जाएगा, जो एक रेफरी के लिए अपने परिवार के खर्चों को चलाने के लिए पर्याप्त होगा।