कुश्ती
वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप: बजंरग के बाद रवि ने भी जीता कांस्य पदक, भारत ने कुछ ही मिनटों में जीते दो पदक
शुक्रवार की शुरुआत कज़ाख़स्तान में चल रही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए निराशाजनक रही थी लेकिन शाम होते होते दो बड़े धमाकों के साथ भारत ने इतिहास रच दिया। बजंरग पूनिया के बाद भारत के एक और पहलवान रवि कुमार ने 57 किग्रा वर्ग में भी कांस्य जीतते हुए इस चैंपियनशिप में कुछ ही मिनटों में दो और कुल तीसरा पदक दिला दिया।
बजरंग ने रचा इतिहास और वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में लगाई पदकों की तिकड़ी
रवि कुमार ने कांस्य पदक मुक़ाबले में ईरान के पहलवान रेज़ा अहमदअली को रोमांचक मैच में 6-3 से हराते हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीत लिया। रवि के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर कैटेगिरी में ये सिर्फ़ दूसरा पदक है। इससे पहले रवि का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एलेग्ज़ेंडर मेडविड्स टूर्नामेंट था जहां उन्हें कांस्य मिला था जबकि एशियन चैंपियनशिप में उन्हें पांचवां स्थान हासिल हुआ था। रवि भी विनेश फ़ोगाट और बजरंग पूनिया के साथ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई कर चुके हैं।
8 साल बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में सुशील की वापसी सिर्फ़ 6 मिनट में हुई ख़त्म
इससे पहले गुरुवार को रवि कुमार सेमीफ़ाइनल की लाइन नहीं क्रॉस कर पाए थे जहां उन्हें रूस के पहलवान उगुएव से 4-6 से हार का सामना करना पड़ा। रवि ने मेंस फ़्रीस्टाइल में 57 किग्रा वर्ग में शुरुआत बड़े ही धमाकेदार तरीक़े से की थी जब उन्होंने पहले राउंड के मैच में कोरिया के किम संगवोन को 11-0 से हराते हुए इरादे साफ़ कर दिए थे।
अगर ये न हुआ होता को बजरंग कांस्य नहीं स्वर्ण जीत सकते थे !
रवि कुमार का ये शानदार सफ़र यहीं नहीं रुका था रवि ने अपने अगले मुक़ाबले में अरमेनिया के पहलवान हारुच्यूनयान को बेहतरीन अंदाज़ में मात दी थी, रवि शुरुआत में 0-4 से पीछे थे और इसके बाद उन्होंने वापसी करते हुए अरमेनिया के पहलवान को 17-6 से रौंद डाला। इस जीत के साथ ही रवि ने भी बजरंग पूनिया के बाद क्वार्टर फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया था।
इसके बाद रवि कुमार का बड़ा धमाका तब हुआ था जब उन्होंने पूर्व वर्ल्ड चैंपियन जापान के ताकाहाशी को धमाकेदार अंदाज़ में क्वार्टर फ़ाइनल में 6-1 से हराते हुए न सिर्फ़ सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई बल्कि उससे अहम ये कि रवि टोक्यो ओलंपिक में क्वालिफ़ाई करने वाले भारतीय पहलवान भी बन गए थे।