कुश्ती
वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप: सातवें दिन भारत की सुशील के साथ साथ सभी उम्मीदें ख़त्म,6 मिनट में खत्म हुई सुशील की वापसी
शुक्रवार को कज़ाख़स्तान में खेली जा रही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप की शुरुआत भारत के लिए अच्छी नहीं रही, सभी की नज़रें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वापसी कर रहे सुशील कुमार पर थीं, भारत को दो बार ओलंपिक पदक दिलाने वाले सुशील कुमार 74 किग्रा वर्ग में एक बार फिर मैट पर नज़र आए। सुशील कुमार की टक्कर क्वालिफ़िकेशन राउंड में मैट बी पर अज़ेरबाइजान के पहलवान ख़ादज़ीमुराद गधीज़ेव से थी। भारत के इस दिग्गज पहलवान ने 2010 में खेले गए मॉस्को वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुका है, हालांकि तब सुशील 66 किग्रा वर्ग में खेल रहे थे। सुशील उसी इतिहास को 74 किग्रा वर्ग में भी दोहराने के इरादे से आए थे।
लेकिन ऐसा हो न सका, सुशील के लिए शुरुआत ही ख़राब रही और उन्होंने पहले कुछ लम्हों में ही 2 प्वाइंट गंवा दिया था हालांकि इसके बाद वापसी करते हुए सुशील ने 9-4 की बढ़त बना ली थी और लग रहा था कि सुशील एक बड़ी जीत की ओर जाने वाले हैं। लेकिन अज़ेरबाइजान के पहलवान ने सुशील को इसके बाद कोई मौक़ा नहीं दिया और अगले 7 प्वाइंट्स लेते हुए सुशील की वापसी का निराशाजनक अंत किया। हालांकि अभी भी सभी को उम्मीद थी कि अज़ेरबाइजान का ये पहलवान फ़ाइनल तक पहुंचे लेकिन सुशील को हराने वाले पहलवान का सफ़र भी क्वार्टरफ़ाइनल में थम गया।
लगातार तीन हारों के बाद 92 किग्रा में भारत के पहलवान परवीन का सामना मैट बी पर ही दक्षिण कोरिया के चांगजे सुई के साथ था। परवीन से किसी को शायद ही उम्मीद थी लेकिन उन्होंने धमाकेदार अंदाज़ में अपना मुक़ाबला जीत। उन्होंने दक्षिण कोरियाई पहलवान को 12-1 से एकतरफ़ा शिकस्त दी। हालांकि परवीन अगले मुक़ाबले में यूक्रेन के पहलवान सागालीअुक से 8-0 से हार गए, यानी अब उन्हें भी यूक्रेन के इस पहलवान के फ़ाइनल तक पहुंचने की दुआ करनी थी लेकिन ये नहीं हो सका और यूक्रेन के पहलवान को भी क्वार्टरफ़ाइनल में हार मिली। इस तरह से सातवें दिन भारत का कोई भी पहलवान आगे नहीं बढ़ पाया और न ही रेपेचेज के लिए क्वालिफ़ाई कर पाया।
इससे पहले 70 किग्रा वर्ग में भारत के पहलवान करण और उज़बेकिस्तान के नवरुज़ोव के साथ था, लेकिन इस मैच में उज़बेकिस्तानी पहलवान ने भारतीय पहलवान को एकतरफ़ा मुक़ाबले में 7-0 से हरा दिया। करण के रेपेचेज राउंड में पहुंचने की उम्मीद तब ख़त्म हो गई जब क्वार्टरफ़ाइनल में नवरुज़ोव की हार हो गई। इस तरह से करण का सफ़र भी यहीं ख़त्म हो गया।
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इसके बाद 125 किग्रा वर्ग में भारत के सुमित मलिक मैट बी पर हंगरी के डैनिएल लिगेटी के ख़िलाफ़ उतरें। सुमित कॉमनवेल्थ गेम्स में पिछले साल के गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं, लिहाज़ा उनसे भारतीय फ़ैंस को उम्मीदें थीं लेकिन ये उम्मीद भी तब धरी की धरी रह गई जब सुमित ये मुक़ाबला 0-2 से हार गए। ये भारत की सातवें दिन की लगातार तीसरी हार थी, सुमित की रेपेचेज राउंड की भी उम्मीद तब ख़त्म हो गई जब हंगरी के पहलवान दूसरे दौर में हार गए।