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भारत को स्पोर्टिंग नेशन बनाना मेरा लक्ष्य: पार्थ जिंदल
जेएसडब्ल्यू ने भारतीय ओलंपिक संघ के साथ मिलकर गुरूवार को एक ऐतिहासिक ऐलान करते हुए टोक्यो ओलंपिक में "इंडिया हाउस"की स्थापना करने का निर्णय लिया है। जिसका कामकाज लगभग एक साल में खत्म हो जाएगा। इस प्रोजोक्ट पर काम रियो ओलंपिक के बाद ही शुरू हो गया था। लेकिन आज प्रोजोक्ट की औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इंडिया हाउस के लोगों का अनावरण हुआ। जहां पर भारत के खेल मंत्री किरन रीजीजू समेत इंडिया ओलंपिक संध के अध्यक्ष नरेंद्र बंत्रा और सेक्रेटरी जनरल राजीव मेहता मौजूद थे।
पाठकों के जानकारी के लिए बता दें कि विश्वभर में सर्वश्रेष्ठ देशों का हर ओलंपिक में एक हाउस मौजूद रहता है। जहां पर उस देश के खेल से जुड़ी चीजों रखी जाती है। साथ ही में रूकने के साथ हर सुविधा मुहैया करायी जाती है। भारत के ओलंपिक के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब ये सुविधा इस देश के लोगों के लिए भी मौजूद रहेगी।
इस उपलक्ष्य पर जेएसडब्ल्यू के स्पोर्टस डायरेक्टर पार्थ जिंदल ने कहा कि मैं भारतीय ओलंपिक संघ और भारतीय खेल मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं की उन्होंने इस अनोखी पहल के लिए हमारा साथ दिया। यह हर देशवासी के लिए, हर खिलाड़ी के लिए है ।
वहीं जब ब्रिज संवादादाता ने जेएसडब्ल्यू के स्पोर्टस डायरेक्टर से भविष्य की योजनाओं के बारे में बात की तो उनका कहना था की हमारा एक ही मकसद है भारत में खेल को बढ़ावा देने के साथ ही टॅाप-10 स्पोर्टिग नेशन में अपने देश को पहुंचाना, हम चाहते हैं हर खेल में भारत तरक्की करे चाहे फुटबॅाल या फिर कुश्ती । हमारी कमाई जो भी स्पोर्टस टीमों से हो उसे हम खेल के विकास के लिए डाले। जेएसडब्ल्यू देश भर में हो रहे कई पेशेवर खेलों में टीम का मालिकाना हक अपने पास रखती है।
हाल ही में एनबीए इंडिया गेम्स का आयोजन हुआ जिसको लेकर जेएसडब्ल्यू के स्पोर्टस डायरेक्टर से बात की गई क्या वो बास्केटबॅाल जैसे खेल में पेशेवर लीग शुरू कराने में या जब भी लीग शुरू हो उसमे टीम खरीदने में दिलचस्पी दिखाएंगे उसपर उन्होंने कहा कि " मुझे कबड्डी बहुत पसंद है । मैं जब अमेरिका में पढ़ाई करता था बोस्टन सेलटिक्स का मुकाबला देखने जाता था। बास्केटबॅाल देखना मुझे पसंद है। लेकिन अभी हमारी कंपनी इस खेल का साथ नहीं जुड़ना नहीं चाहती। क्योंकि किसी चीज में हम निवेश करने से पहले उसका भविष्य देखते हैं। इस देश में क्रिकेट,कबड्डी और फुटबॅाल जैसे खेल को छोड़ दिया जाए तो किसी भी लीग का भविष्य नहीं है। ये मेरा नजरिया है। जो बदल भी सकता है। उदाहरण के तौर पर आपको बताता हूं कबड्डी जब शुरू हुई थी। तब मुझे नहीं लगा की ये चल पाएगी। लेकिन आज देखिए ये काफी अच्छे से चल रही और मेरी इस लीग में टीम भी है।
वहीं टोक्यो ओलंपिक में खिलाड़ियों को सहायता देने के बारे में जब सवाल पूछा तो उस पर पार्थ जिंदल ने कहा कि हम कई खिलाड़ियों को सहयोग कर रहे हैं और कई पर नजर रखे हुए हैं। जिन्हें हम जल्द ही सहयोग प्रदान करेंगे।
टाटा के बाद जेएसडब्ल्यू ने हर खेल को बढ़ावा देने के लिए जो काम किया है वो सराहनीय है। अगर इस तरह भारत का हर उद्योग घराना सोचने लगे तो वो दिन दूर नहीं जब ओलंपिक जैसे बड़ें इवेंट में भारत सबसे आगे होगा।