Begin typing your search above and press return to search.

मुक्केबाजी

मेरे अंदर की भूख मुझे खेलने के लिए प्रेरित करती है- मैरी कॉम

मेरे अंदर की भूख मुझे खेलने के लिए प्रेरित करती है- मैरी कॉम
X
By

Deepak Mishra

Published: 19 Oct 2019 8:55 AM GMT

भारतीय महिला बॉक्सिंग में अगर किसी खिलाड़ी का नाम सबसे पहले लिया जाता है तो वो चैंपियन मैरी कॉम हैं। मैरी ने देश के तमाम महिलाओं को बताया कि भारतीय महिलाएं भी बॉक्सिंग में अपना करियर बना सकती है। भारतीय महिलाओं के पास विश्व भर के तमाम महिला मुक्केबाजों को हराने की क्षमता है और वह किसी मायने में कम नहीं है। मैरी कॉम ने हाल ही में विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए कांस्य पदक जीता है। यह मैरी का आंठवा पदक है जो उन्होंने विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता है। मैरी हर दिन लगातार सफलता की नई कहानियां लिख रही है। द ब्रिज ने भारतीय मुक्केबाजी की इस स्टार खिलाड़ी से खास बातचीत की। यहां द ब्रिज ने मैरी से उनके विश्व चैंपियनशिप के सफर के साथ आगामी प्रतियोगिताओं और उनके करियर के बारे में बातचीत की।

द ब्रिज का प्रश्न- विश्व बॅाक्सिंग प्रतियोगिता में आपको कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा,आपको नहीं लगा स्वर्ण पदक अगर आता तो बात कुछ अलग होती?

मैरी कॅाम: भारत से निकलते वक्त ही मैं सोचकर गई थी की वतन स्वर्ण पदक के साथ लौटूंगी । मुझे गोल्ड मेडल नहीं देने का निर्णय आखिरी दिना आया। काफी दुखी हूं लेकिन क्या कर सकते हैं। अगले प्रतियोगिता में अच्छा खेलूंगी और मेहनत करूंगी साथ ही उम्मीद रहेगी की इस कांस्य को स्वर्ण में तब्दील करूं।

जाहिर है मैरी कॅाम ने हाल ही में आयोजित विश्व बॅाक्सिंग प्रतियोगिता को सेमीफाइनल में तुर्की की बुस नाज से 1-4 से पराजय का सामना करना पड़ा । जिसको लेकर मैरी ने रेफरी के आगे प्रोटेस्ट भी किया था। लेकिन रेफरी ने उनकी नहीं मानी और तुर्की के खिलाड़ियों को विजेता करार दे दिया। ये निर्णय बाद में आईबा के टेक्निकल कमेटी के पास गया लेकिन इसका कोई भी फायदा नहीं हुआ। भारतीय दल ने फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी। मैच के बाद मैरी ने खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रधानमंत्री नेंरद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, कैसे और क्यों। दुनिया को पता चलने दीजिए कि यह निर्णय कितना सही और गलत है।

Mary Kom Bronze World Championship

द ब्रिज का प्रश्न - आप अकेली ऐसी भारतीय महिला बॅाक्सर हूं जिन्होंने विश्व प्रतियोगिता में 8 बार मेडल जीता है। कहां से मिलती है प्रेरणा हर बात कुछ अलग करने की?

मैरी कॅाम: मेरी अंदर की भूख है जो हर बार मुझे खेलने के लिए प्रेरित करती है। मेरा सपना है ओलंपिक में मेडल जीतना का ये बात अलग है कि ये मेरे हाथ में नहीं हैं लेकिन हर बार मुझे अंदर से आवाज आती है कि नहीं मुझे ये करना है और मैं कर सकती हूं। यही सब है जो मुझे आगे बढ़ने में प्रेरित करती है ।

साल 2012 लंदन ओलंपिक में मैरी कॉम ने भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। अब उस बात को तकरीबन 7 साल बीत चुके है। विश्व मुक्केबाजी में सफलता की सभी कहानी लिखने वाली मैरीकॉम से देश को अब 2020 टोक्यो ओलंपिक में पदक की उम्मीद है।

Mary Kom Bronze London Olympics

द ब्रिज का प्रश्न - भारतीय बॅाक्सिंग संघ ने निर्णय लिया है कि आपके लिए ओलंपिक और किसी इवेंट के लिए ट्रॅायल नहीं रखी जाएगी उसको लेकर आप क्या कहना चाहेंगी ?

मेरी कॅाम: मैं बहुत खुश हूं इस निर्णय से लेकिन ये जो भी निर्णय है ये मेरे हाथ में नहीं है। अगर हमारे अध्य़क्ष अजय सिंह और इनकी कमेटी ने ये निर्णय लिया है तो कुछ सोच-समझकर ही  लिया होगा। उनको मेरे काबिलियत पर भरोसा होगा तभी इतना ठोस कदम उठाया गया है।

भारतीय बॅाक्सिंग संघ ने हाल ही में ये निर्णय लिया है कि मेरी कॅाम के लिए कोई भी ट्रॅायल कंडक्ट नहीं किए जाएंगे। उन्हें हर प्रतियोगिता में डायरेक्ट एंट्र दी जाएगी जिसको लेकर उन्ही की वेट कैटेगरी की युवा बॅाक्सर निखत जरीन ने नाराजगी जाहिर करते हुए भारत के खेल मंत्री किरेण रिजिजू को पत्र लिखते हुए सही कदम उठाने की दरख्वास्त की है।

हालांकि पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैम्पियन बॉक्सर निखत जरीन ने अगले साल होने वाले ओलिंपिक क्वालिफायर्स से पहले भारतीय टीम में चयन के लिए एमसी मैरी कॉम के खिलाफ ट्रायल मुकाबले की मांग की है। उन्होंने इसके लिए खेल मंत्री किरेण रिजिजू को पत्र लिखा। बता दें कि मैरी को हाल ही में हुए विश्व महिला बॉक्सिंग टूर्नामेंट में खेलने के लिए निखत पर प्राथमिकता दी गई थी। तब भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने ट्रायल से इनकार कर दिया था।

बीएफआई ने ओलिंपिक क्वालिफायर्स के लिए भी मैरी कॉम को ही भेजने की योजना बनाई है। अगर ऐसा हुआ तो महासंघ अपने उस फैसले से पलट सकता है, जिसमें उसने कहा था कि स्वर्ण और रजत पदक जीतने वालों को ही सीधा प्रवेश मिलेगा। क्वालिफायर्स मुकाबले अगले साल फरवरी में चीन में होंगे।

https://twitter.com/KirenRijiju/status/1185075521748529152?s=20

निखत के इस पत्र का जवाब देते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू ने लिखा कि वह महासंघ को केवल देश और खिलाड़ियों के हित में फैसला लेने के लिए कह सकते है। रिजिजू ने निखत को जवाब दिए पत्र में लिखा कि मै निश्चित तौर पर मुक्केबाजी महासंघ को देश, खेल और खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला करने के लिए कहूंगा। मंत्री को हालांकि खेल संघो द्वारा खिलाड़ियों के चयन में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि खेल संघ ओलंपिक चार्टर के अनुसार स्वायत्त है”।

Next Story
Share it