निशानेबाजी
ओलंपिक को दिमाग में रख हर टूर्नामेंट की तैयारी कर रही हूं- अंजुम मुदगिल
भारत की स्टार महिला निशानेबाज अंजुम मुदगिल ने 2018 में दक्षिण कोरिया के चांगवोन में आयोजित हुए आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता। मुदगिल पहली भारतीय महिला निशानेबाज हैं जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में मेडल जीता। यहां जीत के साथ उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत का स्थान भी पक्का कर दिया जाहिर है पंजाब से आने वाली 25 वर्षीय अर्जुन पुरस्कार विजेता अंजुम मुदगिल निशानेबाजी के क्षेत्र में भारत को हर दिन गौरवान्वित महसूस करा रही है। अंजुम से 2020 टोक्यो ओलंपिक में पदक की उम्मीदें है। उनके शानदार प्रदर्शन को देखकर ये उम्मीद वक्त के साथ और भी ज्यादा बढ़ चली है। भारत की सितारा निभानेबाज अंजुम मुदगिल से द ब्रिज ने खास बातचीत की साथ ही उनसे उनके आगामी प्रतियोगिताओं को लेकर भी महत्तवपूर्ण सवाल किए।
अंजुम मुदगिल के साथ द ब्रिज की बातचीत के मुख्य अंश
द ब्रिज -- भारत सरकार द्वारा स्पोर्टस को बढ़ावा देने के लिए इस पहल के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी ?
अंजुम मुदगिल -- मुझे लगता है जिस तरह से सरकार और एसएआइ(भारतीय खेल प्राधिकरण) ने मिलकर खेल को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया वो काफी सरहनीय है। पहले इस तरह की चीज नहीं होती थी। लेकिन धीरे-धीरे इस सोच में बदलाव आया है। प्राइवेट संस्थान और खेल मंत्री जिस तरह से लगातार स्पोर्टस को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं इससे आने वाले दिनों में काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। इसके साथ ही खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी काफी निखार आएगा।
गौरलतब है कि हाल ही में भारतीय खेल मंत्रालय औऱ सीएआई ने मिलकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसका मकसद फिट इंडिया मूवमेंट को बढ़ावा देना था। जहां पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, महिला निशानेबाज हिना सिद्धू, अंजुम मुदगिल और निखत जरीन जैसे खिलाड़ी एक मंच पर खेल को कैसे बढ़ावा देने के साथ ही कई अन्य मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस कार्यक्रम में खुद खेल मंत्री किरन रिजिजू ने भी शिरकत की।
द ब्रिज -- आप खुद मनोविज्ञान की स्टूडेंट होने के साथ ही आप एक खिलाड़ी भी हैं तो आप मानसिक दबाव से कैसे निजात पाती हैं?
अंजुम मुदगिल --- मैंने स्पोर्टस मनोविज्ञान की पढ़ाई इसलिए की थी ताकि मुझे अपने खेल के बारे में बेहतर जानने को मिला और साथ ही दबाव के सामने कैसा माइंडसेट रखे उस बारे में काफी अच्छा समझने को मिला। इसके अलावा मैं अपनी साथी खिलाड़ियों को उनके खेल में काफी मदद की।
बता दें कि अंजुम मुदगिल शूटर होने के साथ ही एक स्पोर्टस मनोविज्ञान की पढ़ाई भी कर चुकी हैं। इस पढ़ाई से उन्हें अपने खेल को बेहतर समझने में मदद मिली है।
द ब्रिज -- आने वाले प्रतियोगिता कौन से हैं और उसकी तैयारियां कैसी चल रही हैं?
अंजुम मुदगिल --- एशियन प्रतियोगिता के लिए दोहा जाना है उसके बाद विश्व कप फाइनल जिसको लेकर तैयारियां जोरो शोरों पर है। ओलंपिक को दिमाग में रखकर इन सब टूर्नामेंट्स की तैयारियां कर रही हूं।
द ब्रिज -- टोक्यो ओलंपिक के बारे में आपने बात की क्या-क्या कुछ दिमाग में रखकर इस प्रतियोगिता के लिए आप तैयारियां कर रही हैं ।
अंजुम मुदगिल --- ओलंपिक से पहले जितने भी प्रतियोगिता में मैं हिस्सा लेने वाली हूं वो मेरी तैयारियों को और बेहतर बनाने में मेरी सहायता करेगी। अभी टेक्निकल,फिजकल और मेंटल स्ट्रेंथ को लेकर कुछ नया नहीं करने वाली हूं क्योंकि अभी कुछ अलग करना बाद में मेरे लिए घातक साबित हो सकता है ।
द ब्रिज --आप खुद स्पोर्टस मनोविज्ञान की स्टूडेंट हैं इस सवाल का आपसे बेहतर जवाब कोई नहीं दे सकता की बड़े खिलाड़ी बड़े प्रतियोगिता जैसे ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाते?
अंजुम मुदगिल --- हर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना चाहता है फिर चाहे कोई भी प्रतियोगिता हो लेकिन चारों तरफ जिस तरह से खिलाड़ी के उपर दबाव रहता है वो कही ना कही खिलाड़ी के खराब प्रदर्शन का कारण बनता है। उसके बाद अगर कोई स्पोर्टसमेन परिणाम लाने में असफल रहे तो सब जगह उसकी आलोचना शुरू हो जाती है। हमें किसी भी खिलाड़ी को उस समय में स्पोर्ट देना चाहिए तब जब वो अच्छा नहीं कर रहा हूं क्योंकि अगर हम उसको प्रेरित करगें तभी वो आगे जाकर अच्छा प्रदर्शन देने में कामयाब रहेगा ।